गढ़वा में आगामी 4 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुनावी सभा की तैयारियों का जायजा लेने पहुंचे असम के मुख्यमंत्री और झारखंड भाजपा के सह प्रभारी हेमंत विश्व सरमा ने कांग्रेस और झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) सरकार पर तीखे प्रहार किए। उन्होंने कहा कि झारखंड में कांग्रेस-झामुमो गठबंधन के कारण हिंदू संस्कृति पर खतरा मंडरा रहा है और आने वाले समय में इसके संरक्षण में कठिनाई हो सकती है।
कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए सरमा ने गढ़वा समेत अन्य जगहों पर दुर्गा पूजा विसर्जन को रोके जाने का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा, “भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है, फिर भी दुर्गा पूजा प्रतिमा विसर्जन और रामनवमी के जुलूस को रोका जा रहा है। यह हमारी संस्कृति पर सीधा आघात है।”
उन्होंने राज्य की डेमोग्राफिक स्थिति में बदलाव का आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस-झामुमो विशेष समुदाय के लिए वोट बैंक तैयार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि झारखंड के 20 विधानसभा चुनाव क्षेत्र में 50 से 60 हजार। विशेष समुदाय के लोगों का वोट बैंक तैयार कर लिया गया है सरमा ने कार्यकर्ताओं से विशेष समुदाय की तरह एकजुट होकर मतदान करने की अपील की ताकि झारखंड में भाजपा की जीत सुनिश्चित की जा सके।
राहुल गांधी और अब्दुल मीर का संदर्भ:
एक सवाल के जवाब में सरमा ने स्पष्ट तौर पर कहा, “यदि मुर्शिदाबाद से डेली लोग आ सकते हैं जम्मू कश्मीर से
अब्दुल मीर और राहुल गांधी झारखंड में आ सकते हैं, तो असम का मुख्यमंत्री क्यों नहीं आ सकता?” उन्होंने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को चुनौती दी कि यदि हेमंत सोरेन में हिम्मत है तो अब्दुल गुलाम मीर को झारखंड में आने से रोके मैं दूसरे दिन खुद असम लौट जाऊंगा। सरमा ने तुष्टिकरण की राजनीति पर प्रहार करते हुए इसे झारखंड की सुरक्षा और सांस्कृतिक अखंडता के लिए खतरा बताया।
सरमा ने यह भी कहा कि यदि झारखंड में भाजपा की सरकार बनती है, तो पहले ही कैबिनेट बैठक में एसजीएल परीक्षा को रद्द कर दिया जाएगा और “गोगो दीदी योजना” लागू की जाएगी।