Location: Meral
मेराल। गढ़वा विधानसभा चुनाव में मेराल प्रखंड की 20 पंचायतों में से 16 में भाजपा ने अपनी बढ़त कायम की, जबकि झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) केवल चार पंचायतों में ही अपना वर्चस्व दिखा पाई। चुनाव में मोदी फैक्टर और प्रधानमंत्री किसान निधि जैसे मुद्दों ने भाजपा को मजबूत किया, वहीं मईया सम्मान योजना का भी जनता पर प्रभाव पड़ा।
पढ़ुआ पंचायत का ऐतिहासिक महत्व
पढ़ुआ पंचायत, जिसे गढ़वा विधानसभा चुनावों में निर्णायक भूमिका के लिए जाना जाता है, ने इस बार भाजपा को बढ़त दिलाई। इस पंचायत को लेकर कहा जाता है कि जो भी पार्टी यहां जीत दर्ज करती है, वह पूरे विधानसभा में विजयी होती है। हालांकि, मंत्री मिथिलेश कुमार ठाकुर के प्रयासों के बावजूद झामुमो को यहां हार का सामना करना पड़ा।
झामुमो का घटता वर्चस्व
2019 के चुनाव में झामुमो ने मेराल प्रखंड में 8,000 वोटों की बढ़त के साथ भाजपा को शिकस्त दी थी। लेकिन इस बार भाजपा ने 8,109 वोट हासिल कर, मेराल में झामुमो के वर्चस्व को तोड़ दिया। भाजपा की यह सफलता सत्येंद्र नाथ तिवारी की जीत की नींव साबित हुई।
झामुमो की चुनौतियां
मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने अपने कार्यकाल में विभिन्न योजनाएं जैसे:
अबुआ आवास योजना
कोरोना काल में मदद
खेल-कूद और सांस्कृतिक कार्यक्रम
आदि के माध्यम से जनता को प्रभावित करने की कोशिश की। लेकिन स्थानीय स्तर पर कमजोर संगठन और अन्य दलों से आए नेताओं के कारण जनता में नाराजगी देखी गई।
चार पंचायतों में झामुमो का प्रदर्शन
झामुमो ने तीसर, टैटूका, चामा, और मेराल पश्चिमी पंचायतों में अपनी स्थिति मजबूत रखी। खासकर महिलाओं ने मईया सम्मान योजना के तहत झामुमो को खुलकर समर्थन दिया।
बसपा और अन्य पार्टियों की स्थिति
बसपा, जो संगवारिया में मजबूत मानी जाती थी, मुखिया के प्रयासों के बावजूद बड़ी भूमिका नहीं निभा पाई। भाजपा ने यहां भी अपनी पकड़ मजबूत की।
भाजपा का आगे बढ़ता वर्चस्व
भाजपा की रणनीतिक राजनीति, स्थानीय जोड़-तोड़, और केंद्र सरकार की योजनाओं ने मेराल और अन्य प्रखंडों में पार्टी को बढ़त दिलाई। सत्येंद्र नाथ तिवारी की जीत में मेराल प्रखंड की भूमिका निर्णायक रही।
निष्कर्ष
इस चुनाव में जहां झामुमो ने चार पंचायतों में अपनी स्थिति बनाए रखी, वहीं भाजपा ने मेराल में निर्णायक बढ़त हासिल की। पढ़ुआ पंचायत की ऐतिहासिक भूमिका ने भाजपा की जीत को सुनिश्चित किया, जो गढ़वा विधानसभा चुनाव का निर्णायक मोड़ साबित हुआ।