Location: Garhwa
इंजीनियर वीरेन्द्र राम को हृदयानंद तिवारी पर जो खुद सीए हैं, दिल्ली के सीए से मिलवाने का आरोप है,गढ़वा के कुछ सफेद पोश लोग भी आ सकते हैं घेरे में
गढ़वा : आज की बड़ी खबर यह है कि रांची से ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) की दो सदस्यीय अधिकारियों की टीम गढ़वा पहुंची है। गढ़वा पहुंचते ही अधिकारी शहर थाना पहुंचे, जहां सुरक्षाकर्मियों को साथ लेकर अधिकारी शहर में निकल पड़े। खबर है कि कचहरी रोड में ईडी के टीम के द्वारा हृदयानंद तिवारी के घर पर नोटिस चिपकाया गया है।
टीम के अधिकारियों ने यह स्पष्ट नहीं किया कि वे कहां जा रहे हैं या किसे रडार पर लिया गया है, किसी भी सवाल का जवाब देने से उन्होंने परहेज किया। लेकिन ईडी की टीम के गढ़वा आने की जानकारी के साथ ही उन लोगों में हड़कंप मच गया है, जो खुद को ईडी के दायरे में मानते हैं। शहर में टीम के आने की चर्चा जंगल में आग की तरह फ़ैल गई।
सूत्रों का माने तो यह पूरा ममला इंजीनियर वीरेंद्र राम से जुड़ा बताया जा रहा है। खबर है की मंगल भवनके निकट उमा भवन में जिस हृदय नंद तिवारी के नोटिस चिपकाए गया है, श्री तिवारी इंजीनियर वीरेंद्र राम का दिल्ली में जो सिए थे जो सीए इडी के द्वारा पकड़े गए तो उन्होंने ही हृदयनंद तिवारी के सबंध में ईडी को जानकारी दी है कि हृदयनंद तिवारी ने ही उन्हें इंजीनियर वीरेंद्र राम से मिलवाया था। समझा जाता है का गिरफ्तार सीए द्वारा ह्रदयानंद का। न्यायालय में नाम लेने के कारण ही न्यायालय के करवाई के दौरान इनका नाम सामने आया है जिसके आलोक में आज नोटिस चिपकाए गया है। दरअसल हृदयनंद तिवारी गढ़वा सदर प्रखंड के रंका गांव के गोरखनाथ तिवारी के पुत्र है तथा खुद भी सिए है। वे न्यायालय से फरार चल रहे है। सूत्रों का माने तो कुछ माह पुर्व भी इडी की टीम हृदयानंद तिवारी की तलाश में गढ़वा तथा रंका बौलिया स्थित उनके घर पर आई थी।
दरअसल आज जो नोट हृदयानंद तिवारी के आवास पर चिपकाया गया है उसमें उन्हें 15 जुलाई को सिविल कोर्ट रांची के विशेष अदालत प्रभात कुमार शर्मा के द्वारा जारी किया किया गया है।नोटिस के अनुसार एक माह के अंदर यानी 15 अगस्त तक हृदयानंद तिवारी को न्यायालय में हाजिर होने का आदेश दिया गया है।
इधर इंजीनियर इंजीनियर वीरेंद्र राम का ग्रामीण विकास में हुए बड़े घटाले का तार गढ़वा पहुंचते ही यहां के कई लोगों के बीच हड़कंप मचा हुआ है। शहर में चर्चा है कुछ और सफेद पोश इंजीनियर वीरेंद्र राम प्रकरण में जेल में बंद पूर्व मंत्री आलमगीर आलम के करीबी होने के कारण घेरे में आ सकते हैं।