Location: रांची
रांची: झारखंड विधानसभा चुनाव में हेमंत सोरेन की सरकार ने सत्ता में फिर से शानदार वापसी की. इंडी गठबंधन ने 2019 के विधानसभा चुनाव के मुकाबले अधिक सीटों पर जीत हासिल की है. झामुमो ने बेहतर प्रदर्शन करते हुए अपने पिछले सारे रिकार्ड तोड़ दिए हैं. पार्टी ने 34 सीटों पर जीत हासिल की है. जबकि 12019 के चुनाव में झामुमो को 30 सीट मिली थी. झामुमो ने 43 सीटों पर उम्मीदवार दिया था. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने चुनाव के तीन-चार महीने पहले जनता को लुभाने के लिए जो योजनाएं शुरू की थी उसका लाभ चुनाव में मिला. इनमें मंईयां सम्मान योजना, किसानों की कर्ज माफी, बिजली बिल माफी, दो सौ यूनिट मुफ्त बिजली आदि योजनाएं सरकार की वापसी में ड्रंप कार्ड साबित हुईं हैं. इन्हीं योजनाओं के सहारे हेमंत ने दुबारा सत्ता में वापसी की है. इनमें सबसे अधिक कारगर साबित हुई मंइयां सम्मान योजना. इस योजना के कारण महिलाओं का भारी समर्थन हेमंत सोरेन को मिला है.
मंइयां सम्मान योजना की काट के लिए भाजपा ने गोगो दीदी योजना लांच की थी. लेकिन जनता ने इस पर भरोसा नहीं किया. हेमंत सोरेन के कामकाज पर जनता से भरोसा जताते हुए सत्ता में वापसी कराई है. इंडी गठबंधन की सहयोगी दल कांग्रेस ने भी पिछले चुनाव के मुकाबले अपना प्रदशर्न बरकरार रखा है. पिछले चुनाव में पार्टी ने 16 सीटें जीती थी, इस बार भी 16 सीट मिली है. राजद ने बेहतर प्रदर्शन किया. राजद की संख्या एक से बढ़कर चार हो गई. इंडी गठबंधन की जीत में राजद की हिस्सेदारी भी अच्छी है. माले ने भी दो सीटों पर जीत दर्ज की है. पिछले चुनाव में माले की एक सीट थी.
गढ़ बचाने में सफल रहे हेमंत सोरेन, सभी प्रमंडलों में रहा बेहतर प्रदर्शन
चुनाव में हेमंत सोरेन ने न केवल अपना गढ़ सुरक्षित रखा बल्कि उसे आगे भी बढ़ाया. संथाल परगना व कोल्हान का गढ़ सुरक्षित रखा. पलामू प्रमंडल, दक्षिणी व उत्तरी छोटानागपुर में भी इंडी गठबंधन का प्रदशर्न बेहतर रहा. भाजपा की लाख कोशिश के बाद भी संथाल परगना व कोल्हान में झामुमो को नुकसान नहीं हुआ. कोल्हान में जहां पिछले चुनाव में भाजपा का खाता नहीं खुला था, वहीं इसबार तीन सीटों का नुकसान इंडी गठबंधन को हुआ. सरायकेला, जमशेदपुर पश्चिमी व पूर्वी जमशेदपुर सीट एनडीए के खाते में गई है.
आदिवासियों के लिए आरक्षित 28 में से 27 सीटों पर कब्जा
आदिवासियों के लिए आरक्षित 28 सीटों पर इंडी गठबंधन ने फिर बेहतर प्रदर्शन किया. सरायकेला से सिर्फ चंपाई सोरेन ही जीत सके. 27 सीटों पर इंडी गठबंधन ने कब्जा किया. 2019 के चुनाव में भाजपा को दो सीट मिली थी. इस बार एक सीट ही मिली. आदिवासी वोटरों ने भाजपा का साथ नहीं दिया. हेमंत सोरेन के साथ ही बने रहे. भाजपा की सारी कोशिश नाकाम हो गई.
कल्पना सोरेन की रही महत्वपूर्ण भूमिका
पहली बार झामुमो शिबू सोरेन के बिना चुनाव में गया. शिबू सोरेन की कमी कार्यकारी अध्यक्ष व सीएम हेमंत सोरेन व उनकी विधायक पत्नी कल्पना सोरेन ने पूरी की. कल्पना सोरेन स्टार प्रचारक बनकर उभरी हैं. झामुमो को एक नया नेता मिल गया है. इस चुनाव में सबसे अधिक चर्चा कल्पना सोरेन की हुई. सबसे अधिक सुर्खियां कल्पना ने बटोरीं. उन्होंने खूब मेहनत की. धुंआधार प्रचार किया. एक सौ से अधिक सभाएं की. उनकी सभाओं में भारी भीड़ आई. उन्होंने जनता को खासकर महिलाओं को अपनी ओर आकर्षित किया. महिलाओं का उन्हें समर्थन मिला. इंडी गठबंधन की जीत में कल्पना सोरेन की महत्वपूर्ण भूमिका रही. हेमंत सोरेन को उन्होंने कदम-कदम पर साथ दिया. उनकी राजनीतिक सूझबूझ की तारीफ हो रही है.