Location: Garhwa
पलामू: मेदिनीनगर स्थित जिला व्यवहार न्यायालय परिसर में शुक्रवार को आयोजित ओरिएंटेशन और ट्रेनिंग कार्यक्रम के दूसरे दिन, लीगल एज डिफेंस काउंसलिंग के के अमिताभ बच्चन सिंह ने बताया कि भारतीय कानून के अनुसार, गिरफ्तार किए गए नागरिकों को पुलिस हिरासत में पूछताछ के दौरान अपने वकील से सलाह लेने का अधिकार है। अगर कोई आरोपी कानूनी सहायता लेना चाहे, तो वह इसका उपयोग कर सकता है।
पीएलबी स्वयं मध्यस्थ की भूमिका में मामले को कर सकते हैं निपटारा: शशि भूषण
सिंह ने बताया कि जो व्यक्ति वकील रखने या कोर्ट फीस देने में सक्षम नहीं हैं, उन्हें जिला विधिक सेवा प्राधिकार (डीएलएसए) की ओर से सहायता मिलेगी। इस दौरान कुशल मध्यस्थ अधिवक्ता शशि भूषण ने बताया कि डीएलएसए में किसी भी न्याय प्रक्रिया में एक भी पैसा खर्च नहीं होता। डीएलएसए यह सुनिश्चित करेगा कि जरूरतमंदों को पूरी तरह से मुफ्त कानूनी सहायता मिले।
उन्होंने यह भी बताया कि पीड़ितों को आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है और सरकार की लाभकारी योजनाओं को भी जरूरतमंदों तक पहुंचाने में मदद की जाती है। मध्यस्थता के माध्यम से अधिक से अधिक मामलों का निपटारा कर अदालतों पर मुकदमों का बोझ कम करने पर जोर दिया गया। चेक बाउंस, बैंकिंग अपराध और पारिवारिक विवादों में मध्यस्थता की महत्वपूर्ण भूमिका पर भी प्रकाश डाला गया।
इस कार्यक्रम में लीगल डिफेंस काउंसलिंग के डिप्टी चीफ संतोष कुमार पांडे ने कहा कि प्रत्येक महीने के अंतिम शनिवार को लोक अदालत का आयोजन किया जाता है, जिसमें अधिकतर मामले समझौते के आधार पर निपटाए जाते हैं। मौके पर डीएलएसए के कई प्रमुख पदाधिकारी और नव-निर्वाचित लीगल वॉलिंटियर्स मौजूद थे, जिनमें प्रमोद शुक्ला, महेंद्र नाथ सिंह, इंदु भगत, चंद्रदेव प्रजापति, संध्या कुमारी, संजय सिंह, उर्मिला मिश्रा, अनीता मिंज आदि शामिल थे।