Location: Manjhiaon
मझिआंव: एक छोटी बच्ची की मासूमियत और उसका छोटा सा संसार अचानक बदल गया, जब उसके अपने ही पिता ने उसे मझिआंव मेन रोड स्थित कृष्णा हलवाई के होटल में छोड़ दिया और खुद फरार हो गया। तीन साल की यह बच्ची, जिसे दुनिया की कड़वी सच्चाई से कोई वास्ता नहीं था, अब लावारिस हो गई है।
स्थानीय लोगों के लिए यह घटना एक गहरा आघात साबित हुई। होटल के आस-पास के लोग उस बच्ची की मासूम आँखों में छिपी निराशा और अनिश्चितता को देख रहे थे, और यही चर्चा हर तरफ थी – कौन होगा ऐसा निर्दयी पिता, जो अपनी बच्ची को इस तरह छोड़कर चला गया?
जैसे ही इस घटना की सूचना मझिआंव थाने को मिली, थाना प्रभारी आकाश कुमार तुरंत मौके पर पहुंचे और बच्ची को अपने संरक्षण में लिया। पुलिस ने बच्ची के पिता की काफी खोजबीन की, लेकिन कोई सुराग हाथ नहीं लगा। पिता का कोई पता नहीं चलने पर, बच्ची को बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) के अध्यक्ष प्रणव कुमार को सौंप दिया गया।
बाल कल्याण समिति ने इस मासूम बच्ची को गढ़वा स्थित बाल गृह में भेजा, जहाँ अब उसकी देखभाल की जा रही है। प्रणव कुमार ने कहा, “हम बच्ची के पिता और उसके परिवार की खोज में लगे हुए हैं। जैसे ही हमें साक्ष्य के आधार पर उसका पता मिल जाएगा, बच्ची को उसके परिवार को सौंप दिया जाएगा।”
इस बीच, समाज में यह घटना एक बड़ा सवाल खड़ा करती है – क्या कोई पिता इतनी निर्दयता से अपने ही खून को छोड़ सकता है? उस बच्ची की जिंदगी अब बाल गृह में बीत रही है, जहाँ उसकी देखभाल तो हो रही है, लेकिन अपने परिवार की गोद का सुकून उससे छीन लिया गया है।
जब तक बच्ची के पिता या परिवार का कोई पता नहीं चलता, यह मासूम बच्ची बाल गृह की छत के नीचे, एक नई सुबह की उम्मीद में जी रही है, जहाँ शायद कोई उसे फिर से उसकी खोई हुई मासूमियत और प्यार भरी गोद वापस दे सके।