झारखंड में फिर 11 पर पहुंच गई मंत्रियों की संख्या, क्या अपशगुन है 12वां मंत्री? खतरा बनता है सरकार के लिए

रांची: पता नहीं किस मुहूर्त में झारखंड राज्य का गठन हुआ था। गठन के साथ ही राज्य राजनीतिक अस्थिरता के दौर से गुजर रहा है। 24 वर्षों में अब तक सिर्फ एक मुख्यमंत्री रघुवर दास ने अपना कार्यकाल पूरा किया है। इसे अजीब संयोग या अशुभ कहिए कि राज्य कैबिनेट के लिए 12 वां मंत्री अशुभ हो गया है। यह सरकार के लिए अपशगुन की तरह है। रघुवर दास ने 5 साल का कार्यकाल पूरा किया लेकिन उनके कैबिनेट में 11 मंत्री ही थे। 12 वां मंत्री उन्होंने नहीं बनाया। उस समय जब मैंने इसकी पड़ताल की थी तो एक सूत्र ने बताया था कि रघुवर दास को किसी ज्योतिषी ने यह सलाह दी थी कि कैबिनेट में 12 वां मंत्री मत रखिए। 11 से ही काम चलाइए। रघुवर दास पर भी 12 वें मंत्री के लिए बहुत दबाव पड़ा लेकिन वह नहीं मानें। जब उन्होंने अपना कार्यकाल पूरा किया तब मुझे यकीन हो गया कि ज्योतिषी की सलाह की थी। रघुवर दास के पहले जितने भी मुख्यमंत्री हुए सभी ने 12 मंत्रियों के साथ कैबिनेट का गठन किया था। पर किसी ने कार्यकाल पूरा नहीं किया। 2019 में जब झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस गठबंधन को बहुमत मिला तो हेमंत सोरेन मुख्यमंत्री बने। रघुवर दास की तरह हेमंत सोरेन ने भी 12 वां मंत्री नहीं बनाया। 12 वें मंत्री के लिए काफी दबाव पड़ा। लेकिन हेमंत नहीं झुके। शायद रघुवर दास का टोटका वह भी आजमाना चाहते थे। हालांकि करीब 4:30 वर्षों के कार्यकाल के बाद हेमंत सोरेन को इस्तीफा देना पड़ा। हेमंत सोरेन के बाद चंपई सोरेन नए मुख्यमंत्री बने। चंपई सोरेन की कैबिनेट में भी 11 मंत्री ही थे। 12 वें मंत्री के रूप में बैजनाथ राम शपथ लेते-लेते रह गए थे। चंपई सोरेन के बाद जब फिर से हेमंत सोरेन मुख्यमंत्री बने तो पार्टी से नाराज चल रहे बैजनाथ राम को 12 वें मंत्री के रूप में शामिल किया था। बैजनाथ राम की मुराद पूरी हो गई थी। मुख्यमंत्री से इस्तीफा देने वाले चंपई सोरेन भी कैबिनेट मंत्री बने। लेकिन राजनीतिक घटनाक्रम इस तरह बदला कि चंपई सोरेन को भी lookइस्तीफा देना पड़ा। अब वह पार्टी छोड़कर भाजपा में शामिल हो रहे हैं। चंपई सोरेन के इस्तीफे के साथ ही कैबिनेट में एक जगह खाली हो गई। किसी ने सोचा नहीं था कि इतने छोटे कार्यकाल में भी कोई मंत्री इस्तीफा देगा, पर यह हुआ। इससे यह लगता है कि राज्य कैबिनेट के लिए 12वां मंत्री शुभ नहीं है। यह मंत्री सरकार के लिए ही खतरा पैदा करता है। इसलिए संभव है आगे भी अब कोई मुख्यमंत्री 12वां मंत्री को कैबिनेट में शामिल करने से बचेगा। अब ऐसा नहीं लगता कि हेमंत सोरेन डेढ़ महीने के लिए किसी को कैबिनेट में शामिल करेंगे। वैसे राजनीति में कुछ भी हो सकता है।

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  • Sunil Singh

    Sunil Singh is Reporter at Aapki khabar from Ranchi, Jharkhand.

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