Location: Manjhiaon
मझिआंव:
प्रखंड क्षेत्र के सोनपुरवा पंचायत की पूर्व मुखिया मधु दुबे के द्वारा गुरुवार को पशु शेड के दर्जनों लाभुकों के साथ प्रखंड कार्यालय पहुंची। लाभुकों ने प्रखंड विकास पदाधिकारी सतीश भगत से मिली।
इस दौरान पूर्व मुखिया एवं राम प्रवेश यादव,नागेंद यादव, जगदीप यादव, माया देवी, सत्येन्द्र चौधरी, महेंद्र चौधरी, सुरेन्द्र कुमार पासवान, बिजय कुमार, संजय राम, सबिता देवी एवं अम्बिका रजक आदि लाभुकों ने संयुक्त रूप से कहा कि वर्ष 2021-22में मनरेगा योजना से निर्मित हुए पशु शेड उनकी राशि भेंडर आनंद यादव के खाते में नही भेजकर किसी अन्य भेंडर के खाते में भेजकर राशि दिलाई जाय। पूर्व मुखिया ने बीडीओ को लिखित रूप से बताया कि उनके कार्यकाल में मनरेगा के 51 पशु शेड की स्वीकृति मिली थी। जिसमें पंचायत के भेंडर आनंद यादव ने 20 लाभुकों को कुछ ही समान देकर कहा कि आप लोग बना लीजिये। इसके बाद तत्कालीन बीडीओ के द्वारा बीच बचाव में कहा गया कि किसी तरह से इनका कार्य पूर्ण करा दीजिये। मुखिया ने कहा कि चुकी उनका कार्यकाल अंतिम चरण में था इसलिए दुकान से उधारी सीमेंट एवं अन्य सामग्री दिलवाकर 20 पशु शेड को पूर्ण करवाया। इसके बाद पंचायत चुनाव हुआ और मैं हार गई। जिसके बाद पूर्ण हुए पशु शेड की राशि रोक दी गई। और बाकी बचे पशु शेड जो अपूर्ण हैं उनको भेंडर द्वारा पेमेंट कर दिया गया।
बीडीओ कार्यालय में आये सोनपुरवा पंचायत के पूर्व मुखिया मधु दुबे, उनके पति सह प्रतिनिधि आनंद दुबे, एवं एक दर्जन पशु शेड के लाभुक बीडीओ से पूर्ण किये गए शेड की राशि दिलाने की मांग कर ही रहे थे कि इसी बीच भेंडर आनंद यादव आ गये। इस दौरान लाभुकों एवं पूर्व मुखिया द्वारा भेंडर पर कई गंभीर आरोप लगाये गए। और कहा गया कि जिनका शेड नही बना है उनको पेमेंट दिया गया,और हम सभी लोग शेड पूर्ण कर तीन साल से बलौक का चक्कर लगा रहे हैं, और अभी तक राशि नही मिली। साथ ही कहा गया कि भेंडर होने के बाद भी उनके द्वारा पर्याप्त सामग्री नही दी गई, जिसके कारण उन्हें कर्ज लेकर पशु शेड पूरा करना पड़ा। सभी लाभुकों ने एक स्वर में आनंद यादव के खाते में सामग्री की राशि नही भेजने की मांग की। इस दौरान दो घंटे हाई वोल्टेज ड्रामा चला और बीडीओ दोनों पक्षों को समझाते नजर आये। इस दौरान दो घंटे तक कार्यालय कक्ष मे चला । लाभुकों ने बताया कि बीडीओ द्वारा आस्वासन दिया गया है कि आप लोग लिखित आवेदन दें तो भेंडर आनंद यादव के खाते में राशि नही भेजी जायेगी। इधर पूर्व मुखिया द्वारा आरोप लगाया गया कि आनंद यादव के पास कोई सामग्री की दुकान नही है, अगर होती तो पशु शेड के लाभुकों को कर्ज लेकर नही बनाना पड़ता।
इधर इस संबंध में भेंडर आनंद यादव ने बताया कि उन्होंने सभी लाभुकों को सामग्री उपलब्ध करा दिया है। मेरे ऊपर लगाया गया सभी आरोप गलत है।