Location: Garhwa
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 4 नवंबर की गढ़वा सभा ने जिले की चुनावी राजनीति में नई ऊर्जा का संचार किया है। प्रधानमंत्री ने सनातन धर्म की रक्षा, किसानों को धान की फसल के लिए 3100 रु प्रति क्विंटल समर्थन मूल्य, महिलाओं के लिए 2100 रुपये गोगो दीदी योजना का लाभ, भ्रष्टाचार का खात्मा, और बालू की कालाबाजारी रोकने की बात की, जो गढ़वा, भवनाथपुर और बिश्रामपुर में प्रमुख मुद्दे बनकर उभरे हैं। भाजपा उम्मीदवारों को इस सभा से बढ़ते समर्थन के संकेत मिल रहे हैं, जिससे एनडीए के पक्ष में माहौल बन रहा है।
एनडीए एकजुट इंडियि गठबंधन में बिखराव
एनडीए गठबंधन की ओर से भाजपा और आजसू ने गढ़वा, भवनाथपुर और बिश्रामपुर में संयुक्त प्रचार अभियान चलाया है। इन जनसंपर्क अभियानों में गांव-गांव जाकर जनता से संपर्क कर मुद्दों को जोर-शोर से उठाया जा रहा है। भाजपा कार्यकर्ता प्रधानमंत्री के संबोधन को ग्रामीणों तक पहुंचाने में लगे हैं, ताकि सनातन की रक्षा और किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी जैसे मुद्दे भाजपा के पक्ष में सकारात्मक लहर पैदा करें।
वहीं, इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार क्षेत्रीय मुद्दों और विकास पर जोर देते हुए मैदान में हैं। उनके प्रचार में स्थानीय योजनाओं का उल्लेख है, जैसे ‘मइया सम्मान योजना’, जो महिलाओं के हित में है और विशेषकर ग्रामीण महिलाओं के बीच चर्चा का विषय है। इसके साथ ही, व्यक्तिगत जनाधार और लंबे समय से जनता के बीच मौजूदगी के दम पर प्रत्याशी जनता का समर्थन हासिल करने में जुटे हैं। हालाँकि, इंडिया गठबंधन में आपसी तालमेल की कमी सामने आ रही है। विश्रामपुर में राजद और कांग्रेस के उम्मीदवार आमने-सामने हैं, जिससे गठबंधन का वोट बैंक बंटने की आशंका है।
एंटी-इनकंबेंसी और स्थानीय मुद्दे
भवनाथपुर में एनडीए प्रत्याशी को एंटी-इनकंबेंसी का सामना करना पड़ रहा है। पिछले कार्यकाल में जनता के बीच नाराजगी और कुछ लंबित मुद्दों को लेकर उनके लिए राह मुश्किल हो सकती है। दूसरी ओर, गढ़वा में इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी भी एंटी-इनकंबेंसी का सामना कर रहे हैं, जो उनके लिए बड़ी चुनौती बन सकती है। जनता में सत्ता विरोधी लहर को विपक्ष द्वारा भुनाने की कोशिश हो रही है,। गढ़वा में मोदी की सभा ने एनडीए के पक्ष में माहौल को कुछ बदल दिया है।
अंतिम चरण में प्रचार का रुख
चुनाव प्रचार के अंतिम चरण में भाजपा और एनडीए प्रत्याशी घर-घर जाकर जनसंपर्क कर रहे हैं। युवा और महिला वर्ग को विशेष रूप से जोड़ने के प्रयास हो रहे हैं। दूसरी ओर, इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार भी जनसंपर्क को तेज कर रहे हैं।
यह देखना दिलचस्प होगा कि एनडीए का मुद्दों पर आधारित प्रचार और इंडिया गठबंधन का व्यक्तिगत जनाधार इस चुनावी मुकाबले को किस ओर मोड़ता है।