रांची: दिल्ली में आज नए झारखंड भवन का उद्घाटन हो गया। करीब 6 साल में झारखंड भवन बना है। भव्य और सुंदर है। आधुनिक सुविधाओं से लैस है। हर तरफ झारखंडी कलाकृति है। उद्घाटन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने किया। इस मौके पर मंत्री डॉ. रामेश्वर उरांव, मिथिलेश ठाकुर, सत्यानंद भोक्ता, मुख्यमंत्री की पत्नी व विधायक कल्पना सोरेन सहित कई प्रमुख लोग मौजूद थे। दिल्ली में यह दूसरा झारखंड भवन है। पहले का बना हुआ एक झारखंड भवन बसंत विहार में है। नया झारखंड भवन कनॉट प्लेस इलाके में है। झारखंड भवन डबल इंजन सरकार की देन है। तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास के अथक प्रयास से केंद्र सरकार ने झारखंड भवन के लिए जमीन आवंटित की थी। रघुवर दास ने दिल्ली में इसके लिए कई बार कोशिश की। तब जाकर नई दिल्ली के सबसे महत्वपूर्ण इलाके में झारखंड भवन के लिए जमीन मिली थी। रघुवर दास का सपना था कि दिल्ली में एक बड़ा और सुंदर झारखंड भवन बने। शिलान्यास भी उन्होंने ही किया था। जब तक उनकी सरकार रही वह खुद इस कार्य की मॉनिटरिंग करते रहे। केंद्र सरकार की ओर से जमीन आवंटित में काफी समय लगा इसलिए उनके कार्यकाल में यह काम पूरा नहीं हो सका। लेकिन इतना तय है कि अगर राज्य में डबल इंजन की सरकार नहीं होती तो कनॉट प्लेस इलाके में नया झारखंड भवन नहीं बन पाता। हेमंत सोरेन की सरकार ने भी इसमें दिलचस्पी दिखाई और इस कार्य को को पूरा किया। इस सरकार ने भवन को भव्य रूप दिया। उद्घाटन समारोह में यदि आज राज्य सरकार की ओर से राज्यपाल रघुवर दास को भी आमंत्रित किया जाता तो एक अच्छा संदेश जाता। रघुवर दास को भी लगता कि आज उनके प्रयासों को मुकाम हासिल हो गया है और इस मौके पर सरकार ने मुझे याद किया। रघुवर दास अब ओडिशा के राज्यपाल हैं। फिलहाल राजनीति से कोई उनका रिश्ता नहीं है। इसलिए उन्हें बुलाया जाना चाहिए था। ऐसी पहल करने से काम करने वालों का हौसला बढ़ता। संभव है यह पोस्ट सबको पसंद न आए। कई लोग राजनीति के चश्मे से देखेंगे। लेकिन जिसने प्रयास किया। जिसके प्रयास से आज इतना बड़ा भवन दिल्ली में बना। उसको क्रेडिट देने में क्या जाता है। यह संपत्ति तो राज्य की है। किसी व्यक्ति की नहीं। झारखंड वासियों के लिए तो गौरव का पल है कि दिल्ली में उनका अपना दूसरा झारखंड भवन भी है।