Location: Garhwa
मेराल प्रखंड के लातदग स्थित डी.ए.वी. लीलावचन पब्लिक स्कूल में बुधवार को विद्यालय के निदेशक सुरेंद्र विश्वकर्मा की अध्यक्षता मैं अभिभावक गोष्ठी का आयोजन किया गया। बैठक मैं विद्यालय के बच्चों का सर्वांगीण विकास एवं नामांकन में आ रही त्रुटियों पर चर्चा किया गया। बैठक में बड़ी संख्या में अभिभावकों की उपस्थिति ने इसे महत्वपूर्ण बना दिया।
बैठक की अध्यक्षता करते हुए विद्यालय के निदेशक ने अभिभावकों को संबोधित किया। उन्होंने कहा, “बच्चों के चहुंमुखी विकास में आपका योगदान अतुलनीय है। अभिभावक अपनी ज़िम्मेदारी को समझते हुए, बच्चों की शिक्षा और विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। मेरा आपसे करबद्ध निवेदन है कि आप समय-समय पर आयोजित होने वाली शिक्षक-अभिभावक बैठकों में भाग लें। आपका यह कदम बच्चों के उज्जवल भविष्य के निर्माण में सहायक होगा।”
निदेशक ने अभिभावकों से आग्रह किया कि वे बैठकों में अपनी उपस्थिति दर्ज कराएं, ताकि बच्चों की शिक्षा और अन्य समस्याओं पर खुलकर चर्चा की जा सके। उन्होंने कहा, “आपका आगमन हमें प्रेरित करता है और आपके सुझाव हमें व्यवस्थाओं को बेहतर बनाने में मदद करेंगे। इसलिए, विद्यालय और बच्चों के भविष्य के लिए आपका सक्रिय सहयोग अत्यंत महत्वपूर्ण है।”
इस अवसर पर विद्यालय के प्राचार्य मनोज कुमार ने भी अपनी बात रखी और बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए किए जा रहे प्रयासों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि विद्यालय के शिक्षक बच्चों को बेहतर शिक्षा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। बैठक में कोषाध्यक्ष पारसनाथ विश्वकर्मा, शिक्षक रिजवान अंसारी, कमरुद्दीन अंसारी, नागेंद्र ठाकुर, सूफिया नाहिद, और अमिता कुमारी समेत सभी शिक्षक उपस्थित थे।
बैठक के दौरान कई अभिभावकों ने बच्चों की शिक्षा और अन्य मुद्दों पर अपने सुझाव प्रस्तुत किए। अभिभावकों के सुझावों पर निदेशक और शिक्षकों ने ध्यान दिया और कहा कि सभी महत्वपूर्ण सुझावों पर विचार किया जाएगा ताकि विद्यालय की शिक्षा पद्धति को और भी उन्नत किया जा सके।
इस बैठक में सभी अभिभावकों की सक्रिय सहभागिता और उनकी सकारात्मक सोच ने विद्यालय के भविष्य की दिशा तय करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। विद्यालय प्रबंधन ने यह भी आश्वासन दिया कि भविष्य में भी इसी प्रकार की गोष्ठियों का आयोजन किया जाएगा ताकि विद्यालय और अभिभावकों के बीच संवाद का माध्यम बना रहे और बच्चों का समुचित विकास संभव हो सके।