Location: Bhavnathpur
भवनाथपुर (गढ़वा): झारखंड के हालिया मंत्रीमंडल विस्तार में भवनाथपुर विधानसभा के नव-निर्वाचित विधायक अनंत प्रताप देव को मंत्री पद न मिलने से क्षेत्रीय लोगों में गहरी निराशा और असंतोष की भावना उभरकर सामने आई है। क्षेत्र के एक जेएमएम कार्यकर्ता ने सोशल मीडिया पर भवनाथपुर की लगातार उपेक्षा का दर्द व्यक्त करते हुए इसे क्षेत्र के साथ राजनीतिक अन्याय बताया।
मंत्री पद से वंचित अनंत प्रताप देव: क्षेत्रीय विकास को बड़ा झटका
भवनाथपुर विधानसभा क्षेत्र, जो खनिज संसाधनों की प्रचुरता के बावजूद बुनियादी सुविधाओं के अभाव से जूझ रहा है, को अनंत प्रताप देव जैसे अनुभवी नेता के माध्यम से विकास की नई दिशा मिलने की उम्मीद थी। झारखंड के मंत्रीमंडल विस्तार में अनंत प्रताप देव का नाम संभावित मंत्रियों की सूची में शामिल था, लेकिन अंतिम समय में उनके नाम को हटा दिया गया।
यह निर्णय भवनाथपुर के विकास और सामाजिक प्रतिनिधित्व पर बड़ा असर डालता है। क्षेत्र में लाइमस्टोन, डोलोमाइट जैसे खनिज संसाधन और एशिया का सबसे बड़ा क्रशिंग प्लांट होने के बावजूद बेरोजगारी और पलायन जैसी समस्याएं बनी हुई हैं।
भवनाथपुर के लिए मंत्री क्यों जरूरी थे?
- खनिज संपदा का सदुपयोग:
क्षेत्र की खनिज संपदाओं का समुचित उपयोग और स्थानीय रोजगार सृजन के लिए एक मजबूत नेतृत्व की जरूरत है। - पलायन और बेरोजगारी:
क्षेत्र के युवा रोजगार की तलाश में अन्य राज्यों का रुख कर रहे हैं। मंत्री बनने से अनंत प्रताप देव इस चुनौती का समाधान निकालने में सक्षम हो सकते थे। - आदिवासी अधिकार और सामाजिक विकास:
भवनाथपुर, आदिवासी और पिछड़े वर्ग के अधिकारों के संरक्षण के लिए एक सशक्त आवाज़ की आवश्यकता महसूस करता है।
राजनीतिक उपेक्षा का गहराता दर्द
झारखंड में जब भी मंत्रीमंडल का गठन या विस्तार होता है, क्षेत्रीय संतुलन और सामाजिक न्याय की बातें तो जोर-शोर से उठती हैं, लेकिन सीमावर्ती और पिछड़े क्षेत्र जैसे भवनाथपुर को अक्सर नजरअंदाज किया जाता है।
आगे का रास्ता
यह घटनाक्रम केवल एक व्यक्ति का अपमान नहीं, बल्कि पूरे भवनाथपुर क्षेत्र के विकास और प्रतिनिधित्व का नुकसान है। अब यह जरूरी हो गया है कि राजनीतिक दल भवनाथपुर जैसे क्षेत्रों को सिर्फ वोट बैंक के रूप में न देखकर उनके वास्तविक विकास और अधिकारों की बात करें।
भवनाथपुर की जनता को अपने अधिकारों और विकास के लिए एकजुट होकर आवाज उठानी होगी ताकि भविष्य में इस तरह की उपेक्षा न हो।