Location: भंडरिया
भंडारिया हाई स्कूल के मैदान में अखिल भारतीय आदिवासी महासभा द्वारा विश्व आदिवासी दिवस के मौके पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में अतिथियों द्वारा बिरसा मुंडा के प्रतिमा पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम की शुरुआत की गई। इस मौके पर वक्ताओं ने कहा कि आदिवासीयों को अपने हक एवं अधिकार के लिए जागरूक होना पडेगा। उन्होंने कहा कि आदिवासी की संस्कृत को भी बचाए रखने की आवश्यकता है। वक्ताओं ने पुराने जमाने की याद दिलाते हुए कहा कि आदिवासी लोग पुराने जमाने में पेड़ पौधा के पतियों से अपनी सिंगार किया करते थे। पत्तियों के बने माला, उसकी टोपी, कान एवं गला में पहनने के लिए पेड़ की पत्तियां फूलों और छालों की श्रृंगार बनाया जाता था। इसी श्रृंगार से लोग पारंपरिक ढंग से सज-संवरकर रहा करते थे। इस कार्यक्रम में भी पेड़ के पतियों की माला और पेड़ के पत्ते का टोपी पहनाकर अतिथियों का स्वागत किया गया। कार्यक्रम में नृत्य संगीत एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया। इस मौके पर केश्वर केरकेट्टा, हरिदास तिर्की, नीलम उरांव, सुहेल कच्छप, लक्ष्मण उरांव सहित काफी संख्या में लोग शामिल थे।