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24 से पहले तय होगा भाजपा विधायक दल का नेता, जल्द होगी केंद्रीय प्रवेक्षकों की घोषणा रांची: झारखंड विधानसभा का बजट सत्र 24 फरवरी से शुरू हो रहा है. बजट सत्र को लेकर तैयारी तेज है. स्पीकर रविंद्रनाथ महतो अधिकारियों के साथ बैठक कर चुके हैं. सत्र के संचालन को लेकर 21 फरवरी को सर्वदलीय बैठक होने वाली है. बजट सत्र शुरू होने में अब मात्र चार दिनों का समय रह गया है. लेकिन प्रमुख विपक्षी दल भाजपा ने अभी तक विधायक दल का नेता तय नहीं किया है. भाजपा के लिए तीन दिन अहम हैं. उम्मीद है कि 22 या 23 फरवरी को विधायक दल के नेता पर फैसला हो जाएगा. दिल्ली में भजपा सरकार का गठन हो चुका है. इसलिए केंद्रीय नेतृत्व झारखंड पर अब जल्द फैसला लेगा. विधायक दल के नेता के चयन को लेकर अब किसी समय केंद्रीय प्रवेक्षकों की नियुक्ति हो सकती है. केंद्रीय प्रवेक्षक विधायकों की बैठक बुलाकर नेता के नाम पर सभी की राय लेंगे. इसके बाद फैसला होगा. वैसे केंद्रीय नेतृत्व जिसको चाहेगा नेता वही होगा. विधायकों की राय तो सिर्फ दिखावे के लिए ली जाएगी. विधायक दल के नेता के लिए पूर्व मुख्यमंत्री सह प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी व सबसे सीनियर विधायक सीपी सिंह का नाम प्रमुख है. इन्हीं दो नामों की अधिक चर्चा है. लेकिन भाजपा अब अपने फैसले से चौंकाती रही है. इसलिए कोई नया नाम भी हो सकता है. अन्य नामों में कोडरमा विधायक नीरा यादव का भी नाम है. प्रतिपक्ष के पूर्व नेता रहे अमर बाउरी का चयन भी अचानक हुआ था. उस समय बाउरी के नाम की कहीं चर्चा नहीं थी. इसलिए बैठक के बाद ही तय होगा कि नेता प्रतिपक्ष कौन बना. वैसे सीपी सिंह व बाबूलाल मरांडी की दावेदारी सबसे अधिक मजबूत है. विधायक दल के नेता का चयन प्रदेश अध्यक्ष को ध्यान में रख कर ही किय जाएगा. दोनों महत्वपूर्ण पदों पर चयन के पहले राजनीतिक स्थिति व सामाजिक समीकरण का भी ध्यान रखा जाना है. भाजपा अब ओबीसी व जनरल वर्ग पर अधिक फोकस करने की तैयारी में है. विधायक दल के नेता के साथ सदन में मुख्य सचेतक व सचेतक का भी चयन होगा. सीनियर विधायकों में राज सिन्हा, मनोज यादव, नीरा यादव व सत्येंद्र तिवारी के नाम पर फैसला हो सकता है. सर्वदलीय बैठक में किसको बुलाएंगे स्पीकर विधानसभा के बजट के सफल संचालन को लेकर स्पीकर रविंद्र नाथ महतो 21 फरवरी को सर्वदलीय बैठक बुलाएंगे. अब यह देखना होगा कि भाजपा की ओर से स्पीकर किसको बैठक के लिए आमंत्रित करते हैं. क्योंकि भाजपा ने अभी तक विधायक दल के नेता का चयन नहीं किया है. ऐसे में स्पीकर सीनियर विधायक को बैठक के लिए आमंत्रित कर सकते हैं. सीनियर विधायक के तौर पर सीपी सिंह को बुला सकते हैं. बाबूलाल मरांडी को बुलाए जाने की संभावना कम ही है. क्योंकि पिछले विधानसभा के दौरान स्पीकर ने बाबूलाल मरांडी को नेता चुने जाने के बाद भी मान्यता नहीं दी थी. बहरहाल भाजपा की राजनीति के लिए तीन अहम हैं. प्रदेश अध्यक्ष पर फैसला अब मार्च में होगा. संगठनात्म चुनाव की प्रक्रिया चल रही है.