Location: Ramana
रमना: वित्तीय वर्ष की समाप्ति के करीब सरकारी योजनाओं में अनियमितता, बिना मुआवजा किसानों की भूमि पर हो रहा जबरन निर्माण
रमना (गढ़वा)। जैसे-जैसे वित्तीय वर्ष समाप्ति की ओर बढ़ रहा है, सरकारी योजनाओं में विभागीय अधिकारियों और संवेदकों की मिलीभगत से “मार्च लूट” की तैयारी जोरों पर है। मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत गुलरही बांध से बाबुडीह-वीरकुंवर होते हुए सिलीदाग पंचायत भवन तक सड़क मरम्मत की योजना में बड़े पैमाने पर अनियमितता की चर्चा जोरों पर है।
बिना मुआवजा किसानों की रैयती भूमि पर जबरन निर्माण
स्थानीय निवासियों के अनुसार, सड़क निर्माण के लिए किसानों की रैयती हरित भूमि पर जबरन कार्य किया जा रहा है, जबकि मुआवजा दिए जाने की प्रक्रिया पूरी नहीं की गई है। सिलीदाग गांव के गुंजेश कुमार सिंह, रविंद्र कुमार सिंह, दिनेश सिंह, अजीत कुमार सिंह, गुड्डू, मनोज, और शलिकग्राम के कई लोगों ने आरोप लगाया है कि संवेदक द्वारा कहीं-कहीं निजी लाभ पहुंचाने के लिए सरकारी सड़क की भूमि को छोड़कर रैयती भूमि का अतिक्रमण किया जा रहा है।
शिलान्यास के बाद सालभर काम ठप, मार्च में अचानक शुरू हुआ निर्माण
जनवरी 2024 में बड़े तामझाम के साथ सड़क मरम्मत कार्य का शिलान्यास किया गया था। लेकिन एक साल तक संवेदक द्वारा कोई कार्य शुरू नहीं किया गया। विभागीय अधिकारियों ने भी इस पर कोई ध्यान नहीं दिया। अब वित्तीय वर्ष समाप्त होने के कुछ दिन पहले मरम्मत कार्य जल्दबाजी में शुरू किया गया है।
मानकों के विपरीत हो रहा निर्माण कार्य
स्थानीय लोगों का कहना है कि सड़क मरम्मत कार्य गुणवत्ता मानकों के विपरीत हो रहा है। किसानों ने क्षेत्रीय विधायक अनंत प्रताप देव से हस्तक्षेप की मांग की है। उन्होंने अपील की है कि रैयती भूमि पर किए जा रहे अतिरिक्त निर्माण कार्य का मुआवजा दिलाया जाए या पूर्व से बनी सड़क पर ही गुणवत्तापूर्ण मरम्मत का कार्य सुनिश्चित किया जाए।
स्थानीय निवासियों की मांग
क्षेत्रीय जनता ने जिला प्रशासन और संबंधित विभाग से इस मामले की जांच कराने और मरम्मत कार्य को सही तरीके से संपन्न कराने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यदि उनकी समस्याओं को नजरअंदाज किया गया तो वे आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे।
इस मुद्दे ने सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन और पारदर्शिता पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। अब देखना होगा कि प्रशासन और संबंधित विभाग इस पर क्या कार्रवाई करते हैं।