Location: Shree banshidhar nagar
नेताजी सुभाष चंद्र बोस के पौत्र सोमनाथ बोस और एंटी करप्शन क्राइम कंट्रोल के संस्थापक राजलाल पटेल ने श्री बंशीधर मंदिर में की पूजा, मंदिर के विकास पर दिया जोर
श्री बंशीधर नगर (गढ़वा)। महान स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस के पौत्र सोमनाथ बोस और एंटी करप्शन क्राइम कंट्रोल कमिटी के संस्थापक सह राष्ट्रीय अध्यक्ष राजलाल सिंह पटेल शुक्रवार को विश्व प्रसिद्ध श्री बंशीधर मंदिर पहुंचे। यहां उन्होंने भगवान श्री राधा-कृष्ण की दिव्य प्रतिमा का दर्शन किया और मंदिर के विद्वान आचार्यों के वैदिक मंत्रोच्चार के साथ विधिवत पूजा-अर्चना की।
भगवान श्री बंशीधर जी से की मंगलकामना
सोमनाथ बोस और राजलाल पटेल ने भगवान का मंगला आरती उतारकर प्रदेश में शांति, सुख, और समृद्धि की प्रार्थना की। पूजा के बाद उन्होंने मंदिर की परिक्रमा भी की। मंदिर समिति की ओर से आचार्य सत्यनारायण मिश्रा और सुजीत लाल अग्रवाल ने उन्हें राधा-कृष्ण का पट्टा, भगवान की तस्वीर, और मंदिर के इतिहास पर आधारित पुस्तक भेंटकर सम्मानित किया।
मंदिर की अद्वितीयता पर की चर्चा
सोमनाथ बोस ने कहा, “भगवान श्री राधा-कृष्ण की 32 मन सोने की प्रतिमा अद्वितीय और विश्व में अनुपम है। श्री बंशीधर की नगरी में आकर अद्भुत शांति और आनंद की अनुभूति हुई। यह स्थान भगवान की दिव्यता को महसूस करने का अद्वितीय केंद्र है।”
मंदिर के अंतरराष्ट्रीय विकास पर जोर
राजलाल सिंह पटेल ने मंदिर के समुचित विकास की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा, “श्री बंशीधर मंदिर को एक अंतरराष्ट्रीय तीर्थ स्थल के रूप में विकसित किया जाना चाहिए। इसकी ऐतिहासिकता और धार्मिक महत्व को देश-विदेश में प्रचारित कर श्रद्धालुओं को आकर्षित किया जा सकता है। इसके लिए केंद्र और राज्य सरकार से पहल की जाएगी।”
कार्यक्रम के समापन पर पहुंचे थे श्री बंशीधर नगर
बताया गया कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर एंटी करप्शन क्राइम कंट्रोल कमिटी द्वारा गढ़वा में आयोजित ‘एक शाम शहीदों के नाम’ कार्यक्रम के समापन के बाद सोमनाथ बोस और राजलाल पटेल श्री बंशीधर मंदिर पहुंचे थे।
विशिष्ट उपस्थित लोग
मौके पर एंटी करप्शन छात्र प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय अध्यक्ष पीयूष सिंह पटेल, प्रदेश सचिव आकाश सिंह, उपाध्यक्ष नीतीश राज, महासचिव सुमन राज, रोहित सिंह, आकाश कुमार, प्रिंस सिंह पटेल, धनंजय पांडे, अवधेश दुबे, शशिभूषण चौधरी, प्रेमशंकर दुबे सहित अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे।
श्री बंशीधर मंदिर के इस दौरे ने न केवल इसकी धार्मिक महत्ता को रेखांकित किया, बल्कि इसके समग्र विकास की जरूरत पर भी ध्यान आकर्षित किया।