Location: Ranka
: रंका थाना क्षेत्र के बरदरी गांव में शनिवार रात जंगली हाथी के हमले में हरिहर कोरवा (60) की मौत हो गई। हाथी ने न केवल बुजुर्ग को पटककर मार डाला, बल्कि उनके कच्चे मकान को भी तहस-नहस कर वापस जंगल की ओर चला गया। घटना की सूचना मिलने पर पुलिस देर रात मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए गढ़वा भेज दिया।
इधर, रविवार सुबह बरवाही गांव में सुनील केरकेट्टा नामक ग्रामीण पर हथिनी ने हमला कर दिया, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया और उसका एक पैर टूट गया। वह अपने बच्चे के साथ खेत में गेहूं की फसल खा रही हथिनी को भगाने गया था, तभी हाथी ने उसे सूंढ़ में लपेटकर दूर फेंक दिया।
घटना का विवरण:
ग्रामीणों के अनुसार, बरदरी गांव निवासी हरिहर कोरवा रात करीब 9 बजे अपनी पत्नी के साथ घर के दरवाजे पर अलाव ताप रहे थे, तभी अचानक एक विशाल हाथी वहां आ धमका। हरिहर अंदर जाने के लिए जैसे ही उठे, हाथी ने उन्हें सूंढ़ में लपेटकर जोर से जमीन पर पटक दिया, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई। उनकी पत्नी को घर के अंदर जाते देख हाथी ने गुस्से में मकान को भी बुरी तरह क्षतिग्रस्त कर दिया। परिवार के अन्य सदस्य भयभीत होकर घर के पिछवाड़े से भागकर एक पेड़ की आड़ में छिप गए। हाथी के जंगल की ओर लौटने के बाद घरवाले मौके पर पहुंचे, जहां हरिहर को मृत अवस्था में देख शोर मचाने लगे।
वन विभाग की निष्क्रियता पर नाराजगी
रंका प्रखंड के पूर्व प्रमुख हेमंत लकड़ा ने बताया कि बीते पखवाड़े से क्षेत्र में एक दर्जन से अधिक हाथियों का झुंड अलग-अलग जगहों पर उत्पात मचा रहा है। इसकी जानकारी वन विभाग को लगातार दी जा रही है, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि हाथियों को भगाने के लिए जरूरी संसाधन और टॉर्च आदि की मांग करने पर वन विभाग बजट की कमी का हवाला देकर कोई सहयोग नहीं कर रहा है।
ग्रामीणों का कहना है कि वन विभाग की निष्क्रियता के कारण निर्दोष लोगों की जान जा रही है। उन्होंने प्रशासन से जल्द से जल्द प्रभावी कार्रवाई करने की मांग की है ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।