
Location: Bhavnathpur
भवनाथपुर: एशिया के सबसे बड़े क्रशिंग प्लांट की स्क्रैप कटिंग के विरोध में विस्थापित संघर्ष समिति के नेतृत्व में मजदूरों का धरना-प्रदर्शन 11वें दिन भी जारी रहा। कड़ाके की ठंड के बीच समिति ने आठ सूत्री मांगों को लेकर सेल प्रशासनिक भवन के समक्ष डेरा डाले रखा।
समिति के संरक्षक सुशील चौबे की तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें इलाज के लिए ले जाया गया, जिससे मजदूरों में भारी आक्रोश फैल गया। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि वे प्लांट की कटिंग किसी भी हालत में नहीं होने देंगे और आंदोलन को अंत तक जारी रखने का संकल्प ले चुके हैं। उन्होंने सेल प्रबंधन के रवैये को तानाशाही करार देते हुए चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगों पर जल्द विचार नहीं हुआ, तो आंदोलन और तेज किया जाएगा।
मौके पर मौजूद नेता और कार्यकर्ता:
इस प्रदर्शन में झामुमो नेत्री कबूतरी देवी, विस्थापित संघर्ष मोर्चा के बीरेंद्र साह, सिंदुरिया मुखिया नंदलाल पाठक, और अन्य प्रमुख स्थानीय नेता एवं बड़ी संख्या में मजदूर शामिल थे।
एसडीओ ने डीसी को लिखा पत्र:
श्री बंशीधर नगर अनुमंडल पदाधिकारी प्रभाकर मिर्धा ने गढ़वा उपायुक्त को पत्र लिखकर चेताया कि अगर धरना-प्रदर्शन से क्षेत्र में विधि-व्यवस्था बिगड़ती है, तो उसकी पूरी जिम्मेदारी सेल प्रबंधन पर होगी।
एसडीओ ने पत्र में विस्थापित संघर्ष समिति के संयोजक सुशील कुमार चौबे, महासचिव राम विजय साह, और झामुमो नेता दीपक प्रताप देव की मांगों का जिक्र किया है। उन्होंने बताया कि प्लांट का ऑक्शन बोकारो स्टील प्लांट द्वारा किया गया है और संबंधित ठेकेदार को कार्यादेश जारी हो चुका है।
पृष्ठभूमि:
भवनाथपुर खदान समूह के मजदूरों और विस्थापितों का मामला वर्ष 1979 से लंबित है, जिसे बातचीत के माध्यम से ही सुलझाया जा सकता है। एसडीओ ने प्लांट की स्क्रैप कटिंग रोकने के लिए उच्च स्तर पर तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है।
आंदोलन जारी रहेगा:
विस्थापित संघर्ष समिति ने स्पष्ट कर दिया है कि जब तक उनकी मांगें नहीं मानी जातीं, तब तक यह आंदोलन जारी रहेगा।