
Location: पलामू
मेदिनीनगर।पांकी झारखंड के पलामू जिले के पांकी प्रखंड अंतर्गत आसेहार में करोड़ों की लागत से बना 50 बेड का अस्पताल अब खंडहर में तब्दील हो चुका है। इस अस्पताल को बने करीब 5 साल हो चुके हैं, लेकिन अब तक यहां डॉक्टरों की पोस्टिंग नहीं हुई। आलम यह है कि जिस अस्पताल से लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं की उम्मीद थी, वह अब वीरान पड़ा है। मरीजों का इलाज तो दूर, लोग इस भवन के पास जाने से भी डरते हैं, क्योंकि यह अब भूतिया जगह की तरह दिखने लगा है।जब अस्पताल का निर्माण शुरू हुआ था, तब ग्रामीणों में खुशी की लहर थी। उन्हें उम्मीद थी कि आसपास के गांवों के लोगों को बेहतर इलाज मिलेगा और शहरों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। लेकिन आज हालात बिल्कुल उलट हैं। गांव के लोग आज भी 35 से 50 किलोमीटर दूरी तय कर इलाज कराने को मजबूर हैं। ग्रामीणों ने कई बार सरकार और स्वास्थ्य विभाग से अस्पताल को चालू कराने की मांग की, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि जो अस्पताल अब तक चालू नहीं हुआ, उसी के पास एक और नया भवन बनाया जा रहा है। लोग इसे सरकारी पैसे की खुली लूट बता रहे हैं। सवाल उठता है कि जब पुराना अस्पताल ही इस्तेमाल में नहीं आ रहा, तो नए भवन का क्या होगा? क्या यह भी खंडहर बनेगा? झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने के लाख दावे कर लें, लेकिन हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है। सबसे दिलचस्प बात तो यह है कि यहां स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी तो दूर बैठने के लिए एक कुर्सी तक नहीं है।जो चिंता का विषय है। हालांकि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के कैंपस में उपस्थित एक व्यक्ति ने अपने आप को वहां का गाड़ बताया।उसने कहा कि पांकी चिकित्सक प्रभारी के कहने पर यह हॉस्पिटल का देख रेख हम करते है। कभी कभार ए एन एम आती है और मरीज को देखती है। पर सवाल खड़ा होता है कि यदि ए एन एम आती भी है तो कहां बैठती है और मरीज को कहां बैठती है क्योंकि इस भवन के अंदर एक भी कुर्सी तक नहीं है। और तो और शौचालय में पक्षी का घोंसला और बच्चा नजर आया। जिससे यह साफ पता चलता है कि यह प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र केवल कागजों पर ही चल रहा है । धरातल पर केवल हाथी के दांत साबित हो रहा है। अब देखना यह होगा कि सरकार इस मामले में कोई ठोस कदम उठाती है या फिर पहले के तरह ही यह भवन हाथी के दांत ही साबित होते रहेगा।