Location: Garhwa
बरवाडीह पंचायत के आरटीआई कार्यकर्ता और भाजपा नेता योगेंद्र प्रसाद ने अपने ऊपर हुए गोलीकांड और पंचायत में हुए भ्रष्टाचार की जांच सीबीआई से कराने के लिए झारखंड हाईकोर्ट का रुख किया है। उन्होंने अधिवक्ता राजीव कुमार को 2016 से 2025 तक मनरेगा समेत अन्य योजनाओं में हुए भ्रष्टाचार से जुड़े दस्तावेज सौंपे हैं। साथ ही उन्होंने अपने ऊपर हुए हमले के पीछे पूर्व बिस सूत्री उपाध्यक्ष सह झामुमो नेता नितेश सिंह का हाथ बताया है। योगेंद्र प्रसाद का आरोप है कि पुलिस राजनीतिक दबाव में मुख्य साजिशकर्ता तक नहीं पहुंच रही और जांच को प्रभावित किया जा रहा है।
पुलिस ने इस मामले में अमित कुमार सिंह उर्फ बबलू सिंह और नितेश कुमार सिंह उर्फ नीतु सिंह को गिरफ्तार कर घटना का खुलासा करने का दावा किया है। पुलिस के अनुसार, पंचायत में मनरेगा योजना को लेकर हुए विवाद के कारण यह साजिश रची गई थी। पुलिस की जांच में यह भी सामने आया कि योगेंद्र प्रसाद द्वारा कुछ योजनाओं का विरोध करने से मंदीप यादव और नितेश सिंह को आर्थिक नुकसान हुआ था, जिसके बाद मंदीप यादव ने जेल जाने से पहले इस हमले की योजना बनाई थी।
हालांकि, पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए नितेश कुमार सिंह और योगेंद्र प्रसाद द्वारा लगाए गए आरोपों में नामित नितेश सिंह के बीच समानता ने संदेह को जन्म दिया है। पीड़ित का दावा है कि मुख्य साजिशकर्ता अभी भी बचा हुआ है और पुलिस जांच को गुमराह कर रही है। यह स्थिति न केवल पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर रही है, बल्कि प्रशासन की निष्पक्षता पर भी संदेह पैदा कर रही है।
राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप और पुलिस की छवि पर उठते सवालों के बीच यह मामला उलझता जा रहा है। योगेंद्र प्रसाद का सीबीआई जांच की मांग करना यह दर्शाता है कि उन्हें पुलिस की निष्पक्षता पर भरोसा नहीं है। अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि हाईकोर्ट इस मामले को किस दिशा में ले जाता है और पुलिस इस संदेह के घेरे से खुद को कैसे बाहर निकाल पाती है।