
Location: Manjhiaon
मझिआंव (गढ़वा) – राजकीय उत्क्रमित मध्य विद्यालय विडंडा के प्रभारी हेडमास्टर नीरज तिवारी पर सरकारी राशि गबन करने के आरोप लगे हैं। इस संबंध में पंचायत समिति सदस्य, मुखिया, विद्यालय प्रबंधन समिति अध्यक्ष सहित दर्जनों ग्रामीणों ने उपायुक्त को हस्ताक्षरयुक्त आवेदन सौंपकर हेडमास्टर को तत्काल हटाने और जांच कराने की मांग की है।
आरोपों में वित्तीय अनियमितताएं शामिल
शिकायतकर्ताओं ने अपने आवेदन में बताया है कि नीरज तिवारी के प्रभार में आने के बाद से विद्यालय प्रबंधन समिति के आधा दर्जन से अधिक अध्यक्षों को बदला गया। उन्होंने आरोप लगाया कि –
- विद्यालय विकास मद की ₹46,000 की राशि से स्कूल का रंग-रोगन नहीं कराया गया और राशि गबन कर ली गई।
- मिड-डे मील (एमडीएम) मद से ₹50,000 में से ₹30,000 का भुगतान बकाया दुकानदार को किया गया, लेकिन ₹20,000 का कोई हिसाब नहीं दिया गया।
- पूर्व अध्यक्ष द्वारा जमा कराए गए ₹1 लाख को भी सीएसपी संचालक विश्वनाथ चौधरी के खाते में डलवाकर बाद में निकाला गया।
- पिछले वर्ष छात्रों से लकड़ी धुलवाने की घटना भी समाचारों में आ चुकी है।
एमडीएम भी ठप, छात्रों को नहीं मिल रहा भोजन
गड़बड़ी के कारण 25 मार्च से विद्यालय में मिड-डे मील पूरी तरह से बंद है। विद्यालय में 452 नामांकित छात्र हैं, लेकिन
- 25 मार्च को 149 छात्र उपस्थित थे
- 26 मार्च को 214 छात्रों की उपस्थिति दर्ज की गई
विद्यालय प्रबंधन समिति अध्यक्ष जयराम चौधरी ने आरोप लगाया कि हेडमास्टर ने एमडीएम की राशि गबन कर ली, जिससे भोजन उपलब्ध कराना संभव नहीं हो पा रहा। उन्होंने इसकी सूचना 25 मार्च को बीआरसी कार्यालय को लिखित और मौखिक रूप से दी थी।
शिक्षा विभाग ने कहा – जांच जारी
इस मामले पर जब प्रभारी हेडमास्टर नीरज तिवारी से प्रतिक्रिया ली गई तो उन्होंने कोई भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। वहीं, जिला शिक्षा अधीक्षक अनुराग मिंज ने कहा कि मामले की सूचना मिल चुकी है और जांच के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
चार दर्जन से अधिक ग्रामीणों ने किए हस्ताक्षर
आवेदन सौंपने वालों में पंचायत समिति सदस्य गुलाब देवी, पंचायत मुखिया कुमारी छाया, विद्यालय प्रबंधन समिति अध्यक्ष जयराम चौधरी, पूर्व अध्यक्ष शेख शबी आलम, और कई ग्रामीण शामिल हैं।
अन्य हस्ताक्षरकर्ताओं में नबी शेख, मोहम्मद आजाद, रहमत अंसारी, शिवकुमार सिंह, अजमुद्दीन खां, मोहम्मद हजरत अली, मुन्ना उरांव, संजय उरांव, राकेश उरांव, राजू भुइयां, रामप्रवेश भुइयां, राजेंद्र उरांव, विक्रम भुइयां, बाबूलाल चौधरी, उमेश उरांव सहित चार दर्जन से अधिक ग्रामीणों के नाम शामिल हैं।
प्रशासन से त्वरित कार्रवाई की मांग
ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि हेडमास्टर पर त्वरित कार्रवाई नहीं की गई, तो वे उग्र आंदोलन करने को मजबूर होंगे, जिसकी पूरी जवाबदेही शिक्षा विभाग और प्रशासन की होगी।