
Location: Manjhiaon
मझिआंव, प्रतिनिधि:
सोनपुरवा पंचायत में मनरेगा योजना के तहत चल रहे सिंचाई कूप निर्माण कार्यों में गड़बड़ी की शिकायतें अब प्रशासनिक लापरवाही का प्रतीक बनती जा रही हैं। despite Despite a जांच टीम द्वारा स्थल निरीक्षण और गड़बड़ी की पुष्टि के बावजूद अब तक किसी भी स्तर पर ठोस कार्रवाई नहीं की गई है, जिससे यह मुद्दा जनचर्चा और सवालों का विषय बन गया है।
युवा समाजसेवी आनंद कुमार दुबे द्वारा उपायुक्त सहित अन्य जिला पदाधिकारियों को दी गई लिखित शिकायत में कहा गया था कि सोनपुरवा पंचायत में मनरेगा मजदूरों के बजाय भारी मशीनों—जैसे जेसीबी और पोकलेन—का उपयोग कर कूप निर्माण कराया जा रहा है, जो योजना की मूल भावना और नियमों के स्पष्ट उल्लंघन के दायरे में आता है।
शिकायत मिलने पर जिला उपायुक्त शेखर जमुआर के निर्देश पर एक तीन सदस्यीय जिला स्तरीय जांच टीम गठित की गई थी, जिसमें मनरेगा विभाग के कनीय अभियंता मनोज उरांव, विकास वर्मा और कमलेश राम शामिल थे। जांच टीम ने करीब पखवाड़े भर पहले योजना स्थलों पर जाकर ‘डोर टू डोर’ निरीक्षण भी किया। सूत्रों के अनुसार जांच में जेसीबी मशीन के उपयोग की पुष्टि हुई है, बावजूद इसके अभी तक किसी तरह की विभागीय कार्रवाई नहीं की गई है।
स्थानीय लोगों और सामाजिक कार्यकर्ताओं में इस बात को लेकर रोष है कि जब जिला स्तर पर शिकायत की पुष्टि हो चुकी है, तब भी दोषियों के विरुद्ध कोई कदम न उठाया जाना सरकारी लचरता और मिलीभगत की ओर इशारा करता है। जांच रिपोर्ट पर कार्रवाई न होना एक बार फिर से सवाल उठाता है कि क्या जांच सिर्फ औपचारिकता बनकर रह गई है?
इस मुद्दे पर पूछे जाने पर बीपीओ अजीत सिंह ने स्वीकार किया कि उन्हें भी जेसीबी के प्रयोग की जानकारी मिली थी। वहीं प्रखंड विकास पदाधिकारी श्रीमती कनक ने कहा कि उपायुक्त के निर्देशानुसार ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।
जाहिर है कि मनरेगा जैसी महत्वपूर्ण योजना, जो ग्रामीण रोजगार और स्वावलंबन का आधार है, उसमें इस तरह की लापरवाहियां और मशीनों के दुरुपयोग से न केवल योजना की आत्मा को ठेस पहुंचती है, बल्कि जरूरतमंद मजदूरों का हक भी मारा जाता है। अगर समय रहते इस पर कठोर कार्रवाई नहीं की गई, तो यह भ्रष्टाचार और अव्यवस्था का एक और उदाहरण बनकर रह जाएगा।