Location: Bhavnathpur
भवनाथपुर भवनाथपुर प्रखंड क्षेत्र में पलायित व्यक्तियों की हो रही दुर्घटना में मौत थमने का नाम नहीं ले रही है। ताजा मामला प्रखंड अंतर्गत बनसानी पंचायत के भंवरिया के मनसाहीखाडी टोला का है। इस टोले के राजकुमार भुइयां की मौत बीते 14 जुलाई को अहमदाबाद में हो गई। बिगत चार माह पूर्व ही वह अपनी
पत्नी पानपति देवी व अपने चार बच्चो के साथ पेट के खातिर काम की तलाश में अहमदाबाद गया था। वहां राजकुमार तथा उसकी पत्नी पानपति देवी दोनो महिसाना जिला के झरोही में पीडब्ल्यूडी के तहत हो रहे सड़क निर्माण में काम कर रहे थे।
बीते 15 जुलाई के सुबह वह काम पर नही जाने की बात अपनी पत्नी से कही, तो पत्नी अपने काम पर चली गई। वापस दोपहर में रूम पर आई तो राजकुमार अपने रूम पर नही था। अगल बगल और बेटी दामाद से पूछ ताछ करने पर भी उसका कोई खबर नहीं मिला। काफी खोज बिन के दौरान 24 घंटे के बाद अगले दिन मंगलवार के सुबह राजकुमार अपने रूम से 3 किमी दूर एक पुल के नीचे मृत अवस्था में पाया गया। पत्नी ने आरोप लगाया कि मेरे पति का दुर्घटना में मौत नही हुई है, बल्की उनकी हत्या कर दी गई है। उसने आशंका व्यक्त किया है, कि वहां के ही कुछ लोकल लोगो ने मेरे व्यक्तियों के द्वारा हत्या कर दी गई है। उसने इसकी लिखित शिकायत वहां के स्थानीय थाने में भी की है।
मृतक शव पहुंचते ही गांव में छाई मातम
मृतक का शव बुधवार की देर रात उसके पैतृक आवास भंवरिया के मनसाहीखाडी टोला आने की सूचना मिलते ही लोगो की हुजूम उमड़ पड़ी परिजनों के करुण क्रंदन से गांव में मातम छा गई। उधर शव आने कि सूचना पर मृतक के घर पहुंचे बीडीओ नंदजी राम, मुखिया पति राजेश्वर पासवान, प्रमुख शोभा देवी, विधायक प्रतिनिधि चंदन ठाकुर, बसपा के विधायक प्रत्याशी पंकज चौबे, पूर्व मुखिया सुखाड़ी भुइयां, संतोष यादव, निरंजन पाठक,आदि ने शोक संतप्त परिजनों को ढांढस बंधाया जबकि बीडीओ ने मृतक के दाह संस्कार हेतु मृतक के पत्नी को पांच हजार रूपये की आर्थिक सहायता प्रदान करते हुए मृतक के आश्रित को सरकारी प्रावधान के अनुसार मुआवजा तथा अन्य सरकारी लाभ दिलाने की बात कही।
बनसानी पंचायत में मनरेगा स्क्रीन से मजदूरों को नहीं मिल रहा है रोजगार
लाख दावों के बावजूद मनरेगा स्कीम भी मजदूरों को रोजगार देने में नाकाम हो रही है। रोजगार के अभाव में गरीब तबके के लोग पलायन को मजबूर है। बच्चों और पति को लेकर साथ रोजगार की तलाश में महानगरों में जा रहे हैं। मनरेगा योजना के सौ दिन के रोजगार की गारंटी धरातल पर नहीं उतरने के कारण मजदूरों को रोजगार की समस्या का सामना करना पड़ रहा है। अपने क्षेत्र में रोजगार नहीं मिलने के कारण मजदूर पलायन करने को विवस है। मृतक के पिता विश्वनाथ भूईया ने बताया कि यहां मनरेगा से रोजगार नहीं मिल रहा है। जिसके कारण मेरे घर से 13 लोग दूसरे राज्यों में काम कर रहे हैं। अगर यहां काम मिलता मेरे पुत्र की मौत नहीं होती। बनसानी पंचायत के ग्रामीणों ने कहा कि इस पंचायत में मनरेगा से रोजगार उपलब्ध नहीं हो रहा है, जिस कारण इस पंचायत से सैकड़ो लोग दूसरे महानगरों में काम कर रहे हैं। जहां उनकी मौत भी हो रही है। ग्रामीणों ने स्थानीय स्तर पर रोजगार दिलाने की मांग की है।