
Location: Garhwa
उपायुक्त शेखर जमुआर: “कौन, कब, कहां रंगा—इससे हमें फर्क नहीं पड़ता। लेकिन जबरिया रंग लगाने वालों से जरूर मिलेंगे!”
एसपी दीपक पांडेय: “हुड़दंगियों, सावधान! हमारी हिस्ट्रीशीटर सूची तैयार है। गड़बड़ी की तो खुमारी डाउन हो जाएगी।”
एसडीओ संजय पाण्डेय: “अखबार में बने रहो, सब कुछ मैनेज हो जाएगा।”
एसडीपीओ नीरज कुमार: “शराब की दुकानें बंद हैं, फिर भी सड़क पर नशेड़ी कहां से आए? पीसीआर वालों, जवाब दो—तुम लोग कहां थे?”
विधायक सत्येंद्र नाथ तिवारी: “भ्रष्टाचार ही मुद्दा था—चाहे बालू से कमाया धन हो या कमीशन से। विधानसभा में शोर मचाकर जेल भिजवाकर रहेंगे। तभी समझ में आएगा कि ताकतवर पहले वाला था या हम।”
विधायक अनंत प्रताप देव: “चिंता न करें, भवनाथपुर में पलायन को जड़ से मिटा दूंगा। सेल का प्लांट भी नहीं बिकेगा और पावर प्लांट से तो पलायन को तड़ीपार करा ही दूंगा।”
विधायक नरेश सिंह: “विश्रामपुर में नदी-झरना पर्यटन स्थल का दिन हमारे कार्यकाल में बहुरना तय है। बस इंतजार कीजिए, सतबहिनी से फुर्सत तो मिले।”
एसडीपीओ रंका,रोहित रंजन सिंह: “रहेगी बांस न बजेगी बांसुरी। बम पड़ाका की खोज में भटकते-भटकते होली कट जाएगी।”
एसडीपीओ नगर उंटारी,रतन कुमार सिंह: “हुड़दंगी होश में रहें, वरना नजदीकी योगीराज का सैर करा दूंगा।”
तो दोस्तों, इस होली पर मस्ती करें, लेकिन जिम्मेदारी के साथ!