
Location: सगमा
सगमा (गढ़वा)। बिजली विभाग की घोर लापरवाही के कारण सोमवार शाम करीब पांच बजे चार भैंसों की करंट लगने से मौत हो गई। घटना धुरकी थाना क्षेत्र के बैलिया गांव की है।
मिली जानकारी के अनुसार, बीरबल गांव निवासी लालमन यादव की भैंसें घास चरते हुए बैलिया गांव की सीमा पर स्थित मोती मिश्रा के सिंचाई कूप के पास पहुंचीं, जहां बांस-बल्लियों के सहारे बिछाई गई विद्युत प्रवाहित तार की चपेट में आने से चारों भैंसों की मौके पर ही मौत हो गई।
घटना की खबर मिलते ही बीरबल गांव में कोहराम मच गया और बड़ी संख्या में ग्रामीण घटनास्थल पर जमा हो गए। ग्रामीणों ने मुखिया इंद्रजीत कुशवाहा और जिला परिषद प्रतिनिधि नांदगोपाल यादव के साथ मिलकर धुरकी थाना को सूचना दी। मौके से ही मुखिया इंद्रजीत कुशवाहा ने विभाग के सहायक अभियंता को फोन पर सूचना दी। सहायक अभियंता ने जिम्मेदारी कनिय अभियंता पर डाल दी, लेकिन कई बार कॉल करने पर भी कनिय अभियंता का मोबाइल स्विच ऑफ मिला। लाख प्रयासों के बाद भी संपर्क नहीं हो सका।
उधर, लाइनमैन बलराम कुशवाहा ने तत्परता दिखाते हुए बिजली लाइन को डिस्कनेक्ट किया, तब जाकर ग्रामीणों ने राहत की सांस ली।
ग्रामीणों का आरोप है कि विभाग की लापरवाही की यह पराकाष्ठा है। बीरबल और बैलिया गांव में आज भी अधिकांश जगहों पर बिजली की लाइनें बांस-बल्लियों के सहारे ही चल रही हैं। विभाग को कई बार लिखित आवेदन देने के बावजूद अब तक स्थायी पोल नहीं लगाए गए हैं। ग्रामीणों के अनुसार, पिछले 18 वर्षों से दर्जनों मोटर बांस-बल्लियों के सहारे संचालित विद्युत लाइन से चल रहे हैं, और इसी लचर व्यवस्था के कारण हर साल दुर्घटनाएं हो रही हैं।
पीड़ित लालमन यादव के घर में मातम पसरा है। ग्रामीणों ने कहा कि विभाग बिजली बिल नहीं देने पर उपभोक्ताओं पर प्राथमिकी दर्ज कराता है, लेकिन जानलेवा वायरिंग की स्थिति पर कोई ध्यान नहीं देता।
मौके पर जिला परिषद प्रतिनिधि नांदगोपाल यादव, मुखिया इंद्रजीत कुशवाहा, बालेश्वर यादव, कामेश्वर गुप्ता, मणिशंकर विश्वकर्मा, असीस विश्वकर्मा, रामदेव प्रसाद, रामौद प्रसाद सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण उपस्थित थे।