
Location: Garhwa
गढ़वा, 15 जून 2025
गढ़वा की सियासत एक बार फिर गरमा गई है। भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता रिंकू तिवारी ने पूर्व मंत्री मिथिलेश ठाकुर पर गंभीर आरोप लगाते हुए उनकी राजनीतिक और मानसिक स्थिति पर सवाल खड़े किए हैं। तिवारी ने पूर्व मंत्री के हालिया सार्वजनिक गतिविधियों को “मानसिक दिवालियापन” की संज्ञा दी और कहा कि चुनाव में जनता द्वारा नकारे जाने के बाद वे बौखलाहट में गैरजिम्मेदाराना कदम उठा रहे हैं।
दरअसल, मामला खजूरी पंचायत का है, जहां 14 जून को मिथिलेश ठाकुर ने एक पुराने शिलापट्ट को पुनः स्थापित कर एक सड़क परियोजना का भूमि पूजन किया। रिंकू तिवारी ने पूछा कि एक पूर्व मंत्री किस अधिकार और प्रोटोकॉल के तहत यह कार्य कर सकते हैं, जबकि उस शिलापट्ट की तिथि 7 अक्टूबर 2024 की है। उन्होंने इसे “जनादेश का अपमान” बताया।
भाजपा नेता यहीं नहीं रुके। उन्होंने दावा किया कि मिथिलेश ठाकुर केवल एक बार विधायक बने, वो भी ‘जनता की भूल’ के कारण। उन्होंने आरोप लगाया कि ठाकुर ने झूठे वादों और खोखले आश्वासनों पर चुनाव जीता और पूरे कार्यकाल में गढ़वा की जनता को निराश किया।
तिवारी ने बालू तस्करी को लेकर भी ठाकुर को घेरा। उन्होंने कहा कि उनके मंत्री रहते बालू की अवैध तस्करी चरम पर थी, जबकि सरकार टेंडर कराने में नाकाम रही। इस मुद्दे को भाजपा विधायक सत्येंद्र नाथ तिवारी ने विधानसभा में मजबूती से उठाया, जिसके बाद सरकार को कदम उठाने पड़े। इसके बावजूद, रिंकू तिवारी के अनुसार, पूर्व मंत्री को न तो शर्म आई और न ही उन्होंने कभी सार्वजनिक तौर पर सफाई दी।
आरोपों की सूची यहीं खत्म नहीं होती। तिवारी ने दावा किया कि ठाकुर के कार्यकाल में भ्रष्टाचार की जड़ें गहरी हो गईं। उन्होंने कहा कि मंत्री रहते ठाकुर ने प्रमोटी उपायुक्त शेखर जमुआर के साथ मिलकर 5200 करोड़ रुपये का घोटाला किया, जिसकी जांच प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) कर रही है। जननायक सत्येंद्र नाथ तिवारी इस मामले को लेकर ईडी, सीबीआई, इनकम टैक्स, गृह मंत्रालय और प्रधानमंत्री कार्यालय तक पत्र लिख चुके हैं।
रिंकू तिवारी ने आशंका जताई कि जांच तेज होने पर शेखर जमुआर की गिरफ्तारी भी तय है। उन्होंने संकेत दिए कि गढ़वा जिले के अन्य अंचल पदाधिकारी और इंजीनियर, जिन्होंने अवैध रूप से संपत्ति अर्जित की है, वे भी जांच के दायरे में आ सकते हैं।
पूर्व मंत्री के कार्यकाल पर हमला बोलते हुए तिवारी ने कहा कि उस दौरान भूमाफिया और अपराधी पूरी तरह सक्रिय थे। गरीबों की जमीनें हथियाई जाती थीं और सज्जन नागरिकों को डराया-धमकाया जाता था। उन्होंने विश्वास जताया कि अब गढ़वा में भय और अपराध का साम्राज्य खत्म होगा।
खबर के अंत में तिवारी ने प्रशासन की नई नियुक्तियों—उपायुक्त और पुलिस अधीक्षक—को लेकर उम्मीद जताई कि वे जननायक सत्येंद्र नाथ तिवारी को अपराधमुक्त गढ़वा की दिशा में अपेक्षित सहयोग देंगे।
इस पूरे घटनाक्रम ने गढ़वा की राजनीति में नया मोड़ ला दिया है, और साफ संकेत दे दिए हैं कि आगामी चुनाव से पहले भाजपा और झामुमो के बीच तीखी सियासी भिड़ंत तय है।