
Location: Ranka
रंका: बीते सोमवार को रंका थाना क्षेत्र के गोदरमाना बाजार में पटाखों में लगी आग की घटना के बाद पूरे रंका बाजार से पटाखे गायब हो गए हैं। हर साल यहां पटाखों का कारोबार करोड़ों रुपये तक पहुंच जाता था, लेकिन इस बार हादसे और प्रशासन की सख्ती ने व्यापारियों को चिंता में डाल दिया है।
जानकारों के अनुसार, इस साल पटाखा व्यापारियों ने करीब एक करोड़ रुपये से अधिक का माल स्टॉक किया था, लेकिन हादसे के बाद पूरे बाजार में सन्नाटा पसर गया। बड़ी बात यह है कि रंका में किसी भी व्यापारी के पास पटाखा बेचने का लाइसेंस नहीं है। घटना के बाद जिला प्रशासन ने बिना लाइसेंस पटाखा बिक्री पर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए, जिससे व्यापारियों ने अपने स्टॉक गुप्त स्थानों पर छिपा दिए हैं।
सबसे ज्यादा नुकसान कर्ज लेकर व्यापार करने वालों को
पटाखों का व्यापार करने वाले कई लोगों ने मासिक ब्याज दर पर बड़ी रकम उधार ली थी, ताकि बिक्री के बाद कर्ज चुकाकर मुनाफा कमा सकें। लेकिन अब पटाखों की वापसी की कोई व्यवस्था नहीं होती, जिससे नुकसान की आशंका बढ़ गई है। वहीं, लंबे समय तक स्टॉक रखने पर पटाखों के खराब होने का डर भी सता रहा है।
पहले भी हो चुका है बड़ा हादसा
गोदरमाना बाजार में पटाखों में आग लगने की यह पहली घटना नहीं है। 1986-87 में होली के दौरान भी रंका शहर के मध्य पुल के पास पटाखों में आग लगने से एक व्यापारी को भारी आर्थिक नुकसान हुआ था। हालांकि, तब कोई जान-माल की हानि नहीं हुई थी, लेकिन इस बार पांच लोगों की मौत के बाद प्रशासन और जनता के लिए यह एक बड़ा सबक बन गया है।
अब सवाल यह है कि क्या इस घटना से लोग कुछ सीखेंगे या फिर यह भी समय के साथ गुमनामी में खो जाएगी?