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Location: कांडी
कांडी (प्रतिनिधि): नाबार्ड के मुख्य महाप्रबंधक एस.के. जहांगीरदार, डीजीएम राकेश सिन्हा और डीडीएम दीपक कुमार ने शुक्रवार को कांडी प्रखंड के डगर गांव का दौरा किया। उनका आगमन केंद्र प्रायोजित किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) योजना के तहत गठित सोनग्रीन फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड के किसानों से चर्चा करने के उद्देश्य से हुआ।
बैठक प्रगतिशील किसान अखिलेश कुमार सिंह के सब्जी फार्म में आयोजित की गई, जिसमें एफपीओ से जुड़े 100 से अधिक किसान शामिल हुए। किसानों ने खेती में आ रही विभिन्न समस्याओं पर चर्चा की, जिनमें नीलगाय से फसल बचाने, उपज के उचित बाजार मूल्य और सब्जी खेती में बाजार उपलब्धता जैसी चुनौतियाँ प्रमुख रहीं।
महाप्रबंधक एस.के. जहांगीरदार ने किसानों को आश्वासन दिया कि एफपीओ किसानों के उत्पादों के बाजार उपलब्ध कराने में जल्द ठोस कदम उठाएगा। उन्होंने कहा कि किसानों को उन्नत खेती की ट्रेनिंग की आवश्यकता हो तो नाबार्ड इसकी व्यवस्था करेगा।
नीलगाय की समस्या पर उन्होंने कहा कि यह कई राज्यों में एक गंभीर चुनौती है, लेकिन नाबार्ड सीधे इसका समाधान नहीं कर सकता। हालांकि, इस मुद्दे को उचित मंच तक पहुँचाने का प्रयास किया जाएगा। साथ ही, उन्होंने किसानों को हल्दी, अदरक, ओल, नींबू और अमरूद जैसी फसलें उगाने की सलाह दी, जिन्हें नीलगाय नुकसान नहीं पहुंचती
बैठक के दौरान जब किसानों से एफपीओ से मिलने वाले लाभ के बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि एक किसान को सालाना 10,000 से 15,000 रुपये की बचत हो रही है। यह बचत धान, गेहूं और खाद पर एफपीओ द्वारा दी जा रही सुविधाओं की वजह से संभव हुई है।
नाबार्ड महाप्रबंधक ने एफपीओ से जुड़े 1,500 किसानों की भागीदारी पर खुशी जताई और संगठन को बधाई दी। उन्होंने किसानों से पारंपरिक खेती से आगे बढ़कर व्यावसायिक खेती अपनाने पर जोर दिया ताकि उनकी आमदनी में वृद्धि हो सके।
इस बैठक में प्रखंड कृषि पदाधिकारी, जिला परिषद सदस्य, एफपीओ प्रतिनिधि और स्थानीय किसान नेता भी शामिल रहे। किसानों ने नाबार्ड अधिकारियों का अभिनंदन किया और उनके सुझावों को खेती के विकास में सहायक बताया।
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