
गढ़वा सदर अस्पताल में ड्यूटी से चिकित्सकों के गायब रहने का मामला लगातार जारी है। अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ. हरेन चंद्र महतो और अस्पताल प्रबंधक सुनील मणि त्रिपाठी भी अक्सर ड्यूटी से नदारद रहते हैं। इससे इलाज के लिए आने वाले मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। स्थिति यह है कि सिविल सर्जन और जिला प्रशासन भी कार्रवाई नहीं कर रहे हैं।
रविवार सुबह 7 बजे से 10:30 बजे तक अस्पताल में कोई भी चिकित्सक ड्यूटी पर मौजूद नहीं था। इसी दौरान मझिआंव थाना क्षेत्र के मोरबे गांव निवासी सहायक पुलिसकर्मी निरंजन कुमार गुप्ता को अस्पताल लाया गया। रास्ते में ही उसकी मौत हो चुकी थी, लेकिन उसे मृत घोषित करने के लिए अस्पताल में कोई डॉक्टर मौजूद नहीं था। पुलिसकर्मियों ने सिविल सर्जन को फोन किया, लेकिन फोन किसी महिला ने उठाया और बताया कि साहब मोबाइल छोड़कर घूमने निकले हैं। इसके बाद पुलिस कर्मियों ने एसडीओ और उपायुक्त को जानकारी दी। सुबह 10:30 बजे डॉक्टर पहुंचे और मृत घोषित किया गया, तब जाकर पोस्टमार्टम की प्रक्रिया शुरू हो सकी।
उपाधीक्षक और अस्पताल प्रबंधक बिना किसी को प्रभार दिए गायब हैं। सिविल सर्जन डॉ. अशोक कुमार ने बताया कि दोनों अधिकारियों ने कोई सूचना नहीं दी है। उन्हें शोकॉज किया जा रहा है और संबंधित चिकित्सकों व कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए राज्य सरकार को रिपोर्ट भेजी जा रही है।