
Location: Ranka
रंका (गढ़वा)। रंका प्रखंड की चुत्तरू पंचायत में पंचायत समिति सदस्य द्वारा पंद्रहवें वित्त आयोग की राशि से अपने निजी लाभ के लिए जलमीनार लगवाए जाने का मामला सामने आया है। आरोप है कि समिति सदस्य शोभा देवी ने जलमीनार को ऐसे स्थान पर स्थापित कराया है, जहां दूर-दूर तक कोई आबादी नहीं है। ग्रामीणों का कहना है कि वह भूमि भविष्य में उनके निजी आवास निर्माण हेतु चिन्हित की गई है, जिसकी समतलीकरण कर नींव की खुदाई भी शुरू कर दी गई है।
ग्रामीणों के अनुसार इस जलमीनार से सामुदायिक स्तर पर पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित की जानी थी, जिसकी लागत दो लाख उनचास हजार रुपये है। लेकिन जलमीनार की स्थिति ऐसी जगह पर है कि न तो आसपास कोई घर है और न ही भविष्य में वहां अन्य लोगों के घर बनने की संभावना है, क्योंकि चारों ओर समिति सदस्य के ही खेत हैं। इससे स्पष्ट है कि आने वाले समय में इस जलमीनार का उपयोग केवल उनके निजी हित के लिए ही किया जाएगा।
सरकारी नियमों की उड़ाई जा रही धज्जियाँ
सरकारी दिशा-निर्देशों के अनुसार, जलमीनारों की स्थापना गांव के टोला स्तर पर ग्रामीणों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के उद्देश्य से की जाती है। मगर चुत्तरू पंचायत में यह नियम ताक पर रख दिया गया है। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि पंचायत निधि और सरकारी योजनाओं का लाभ पहले पंचायत प्रतिनिधियों और उनके चहेतों को ही मिलता है।
सूत्रों के अनुसार, पंचायत में लगाए गए दर्जन भर चापाकल भी मुखिया के करीबी लोगों के घरों के भीतर लगाए गए हैं, जिससे आम ग्रामीणों को पेयजल की भारी परेशानी हो रही है। इस संबंध में पहले भी तत्कालीन उपायुक्त से शिकायत की गई थी, लेकिन राजनीतिक दबाव के चलते मामला ठंडे बस्ते में चला गया।
ग्रामीणों ने प्रशासन से इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है।