
Location: कांडी
कांडी प्रतिनिधि: कांडी प्रखंड मुख्यालय, कांडी और आसपास के ग्रामीण इलाकों में होली का पर्व पारंपरिक उल्लास और भाईचारे के साथ मनाया गया। खासकर भीलमाजैसे विभिन्न गांवं में ग्रामीणों ने पारंपरिक गवंई होली गीतों के साथ उत्सव का आनंद लिया। ढोल-मंजीरों की थाप और फगुआ के लोकगीतों से पूरा क्षेत्र गूंज उठा।
गांवों में दिखी गहरी रंगत, पारंपरिक अंदाज में मनी होली
होली के अवसर पर गांवों की गलियों और चौपालों में खास रौनक देखने को मिली। लोग टोली बनाकर घर-घर पहुंचे और एक-दूसरे को अबीर-गुलाल लगाकर शुभकामनाएं दीं। महिलाएं भी होली के पारंपरिक गीतों में मगन दिखीं, तो युवाओं ने नाच-गाने के साथ उत्सव को और भी जीवंत बना दिया।
सभी गांवों में देर रात तक होली गीतों की धुन सुनाई देती रही। ग्रामीणों ने समूह में बैठकर पारंपरिक फगुआ गाए, जिनमें सामाजिक और सांस्कृतिक संदर्भों से जुड़े गीत भी शामिल रहे। इस दौरान बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक सभी ने उल्लास के साथ त्योहार का आनंद उठाया।
होली मिलन समारोह में उमड़ा जनसैलाब
कई स्थानों पर होली मिलन समारोह का भी आयोजन किया गया, जहां ग्रामीणों ने आपसी भाईचारे और सौहार्द का परिचय देते हुए एक-दूसरे को रंग लगाया और गले मिले। इस अवसर पर बुजुर्गों ने लोकसंस्कृति और पारंपरिक गीतों के महत्व पर चर्चा की, वहीं युवाओं ने आधुनिक गीतों के साथ भी रंग जमाया।
सुरक्षा व्यवस्था भी रही चाक-चौबंद
होली के दौरान शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस प्रशासन मुस्तैद दिखा। कांडी प्रखंड मुख्यालय समेत अन्य ग्रामीण इलाकों में पुलिस की गश्त जारी रही, जिससे किसी भी अप्रिय घटना को रोका जा सके।
भाईचारे और प्रेम का संदेश लेकर लौटी होली
गांवों में मनी यह पारंपरिक होली न सिर्फ उल्लास का पर्व बनी, बल्कि इसने सामाजिक समरसता और आपसी प्रेम का संदेश भी दिया। स्थानीय लोगों का कहना था कि पारंपरिक गवंई होली गीतों के बिना यह त्योहार अधूरा लगता है, इसलिए इसे जीवंत बनाए रखना जरूरी है।