Location: Garhwa
गढ़वा विधानसभा चुनाव के परिणाम आए डेढ़ महीने हो चुके हैं, लेकिन सियासी गहमागहमी खत्म होने का नाम नहीं ले रही। भाजपा विधायक सत्येंद्र नाथ तिवारी और झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के पराजित पूर्व मंत्री मिथिलेश कुमार ठाकुर के बीच आरोप-प्रत्यारोप की जंग लगातार तेज होती जा रही है।
विधायक की आक्रामक राजनीति
विधायक बनने के बाद सत्येंद्र नाथ तिवारी ने अपनी जीत को ‘दबंग शैली’ में भुनाना शुरू कर दिया है। उन्होंने पूर्व मंत्री मिथिलेश ठाकुर और उनके कार्यकाल में कथित भ्रष्टाचार को निशाना बनाया है। तिवारी न केवल ठाकुर की नीतियों पर सवाल उठा रहे हैं, बल्कि उनके कार्यकाल में किए गए फैसलों को भी जनता के सामने उजागर करने का प्रयास कर रहे हैं।
झामुमो का पलटवार
दूसरी ओर, मिथिलेश कुमार ठाकुर और झामुमो ने इस सियासी हमले का करारा जवाब देने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। सत्ता में वापसी के इरादे से झामुमो ने चुनाव में विधायक के खिलाफ जो अभियान चलाया था, उसे और तेज कर दिया है। झामुमो समर्थक हर छोटे-बड़े मुद्दे पर विधायक को घेरने की रणनीति अपनाए हुए हैं।
वायरल वीडियो और बढ़ता विवाद
इस विवाद को तब और हवा मिली जब हाल ही में विधायक सत्येंद्र नाथ तिवारी का एक वायरल वीडियो सामने आया, जिसमें वे कथित रूप से एक व्यक्ति के साथ विवाद करते दिखे। इस मामले को लेकर झामुमो ने विधायक पर हमला बोल दिया और लगातार विरोध प्रदर्शन जारी है। इस घटना के बाद विधायक के खिलाफ मेराल थाना में प्राथमिकी भी दर्ज की गई है।
राजनीतिक दुश्मनी का भविष्य
गढ़वा की राजनीति में यह सियासी जंग किस ओर जाएगी, इसका अंदाजा लगाना मुश्किल है। पूर्व मंत्री और विधायक के बीच बयानबाजी और राजनीतिक हमले भविष्य में गढ़वा की राजनीति को किस दिशा में ले जाएंगे, यह देखना दिलचस्प होगा।
सियासी सरगर्मियों का असर
गढ़वा में सियासी सरगर्मी आम जनता को भी बांधे हुए है। दोनों नेताओं के समर्थक सोशल मीडिया से लेकर जमीनी स्तर तक अपनी-अपनी ताकत दिखा रहे हैं। फिलहाल, यह मामला गढ़वा की राजनीति का केंद्र बिंदु बन चुका है।
अगले कदम पर नजर
आने वाले दिनों में इन दोनों दिग्गज नेताओं की अगली चाल क्या होगी, यह देखने लायक होगा। क्या यह राजनीतिक बयानबाजी खत्म होगी, या यह जंग और गहराएगी? गढ़वा की जनता भी इस संघर्ष में आने वाले परिणामों पर पैनी नजर रखे हुए है।