
Location: Bhavnathpur
स्थानीय कवि एवं उपन्यासकार सुरेन्द्र चंद्रवंशी ‘सचेत’ की चौथी पुस्तक “कचनार के फूल” (काव्य/ग़ज़ल संग्रह) नई दिल्ली के प्रगति मैदान में आयोजित विश्व पुस्तक मेला में साहित्य प्रेमियों का ध्यान आकर्षित कर रही है। इस पुस्तक का प्रकाशन नवी मुंबई की शब्दगाथा मीडिया पब्लिशर प्राइवेट लिमिटेड द्वारा किया गया है और यह उनके स्टॉल पर प्रदर्शित है।
कुछ दिन पहले ही इस पुस्तक का भव्य लोकार्पण लौहनगरी टाटा में अंतरराष्ट्रीय हिन्दी साहित्य भारती, झारखंड इकाई द्वारा आयोजित समारोह में किया गया था। इससे पहले भी श्री चंद्रवंशी की रचनाएँ साहित्य जगत में सराही जा चुकी हैं, जिनमें “धूप छांव” (काव्य प्रवाह), “यादों का पिटारा” (काव्य रसधारा), “पश्चाताप” (उपन्यास), और “आए अवध श्रीराम” (सांझा संकलन) शामिल हैं।
सुरेन्द्र चंद्रवंशी ‘सचेत’ वर्तमान में बीएसएम कॉलेज, भवनाथपुर के भूगोल विभाग में सहायक प्रोफेसर के पद पर कार्यरत हैं। साथ ही, वे पत्रकारिता के क्षेत्र में भी सक्रिय रह चुके हैं। उन्होंने बताया कि विश्व पुस्तक मेला में उनकी पुस्तक की सहभागिता क्षेत्र और समाज के लिए गर्व की बात है।