Location: Shree banshidhar nagar
श्री बंशीधर नगर– श्री श्री ठाकुर अनुकूलचन्द्र जी के अनुयायियों द्वारा सत्संग उपासना केंद्र के प्रांगण में साप्ताहिक सत्संग का आयोजन किया गया.
सत्संग का शुभारंभ बन्देपुरुषोतम ध्वनि व शंख ध्वनि के बीच दीप प्रज्वलित कर किया गया.इसके बाद समवेत नाम,जप,ध्यान,सत्यानु शरण ग्रंथ तथा नारी नीति ग्रंथ का पाठ किया गया.संगीताजली कार्यक्रम में धृतिसुन्दर लाल,गीता देवी,अखिलेश दा व सत्यवंती देवी ने भक्ति मूलक भजन प्रस्तुत किया. इष्टचर्चा कार्यक्रम में सत्संगी शक्तिदास सिन्हा ने कहा कि मनुष्य को अपने आप पर विश्वास करते हुये अच्छा कर्म करना चाहिये.उन्होंने कहा कि वह मनुष्य जो बोलता कम है,करता अधिक है वह प्रथम श्रेणी का कर्मी है.जो मनुष्य जितना बोलता है,उतना करता है वह द्वितीय श्रेणी का कर्मी है तथा जो मनुष्य बोलता अधिक है और करता कम है वह तृतीय श्रेणी का कर्मी है.वह व्यक्ति जो बोलता है और न कुछ करता है वह अधम होता है.उन्होंने कहा कि अच्छे कर्म करने से मन उत्साहित रहता है.अच्छा कर्म हमे सत्य के पथ पर ले जाता है.सत्संगी अखिलेश दा ने कहा कि वर्तमान पुरुषोत्तम श्री श्री ठाकुर जी प्रेममय है.वे सभी जीवों से प्रेम करते हैं.वे गलत कार्य करने वाले व्यक्ति को भी अच्छे पथ पर लाते हैं.ऋत्विक धृतिसुन्दर लाल ने कहा कि इष्टभृति ऐसा कर्म है जो हम सबको मंगल पथ पर ले जाता है.श्री श्री ठाकुर जी मानव जीवन को सर्व मंगल करने वाले हैं.उनके आदेशों का पालन करना चाहिये. ऋत्विक विजयनन्दन सिन्हा ने कहा कि मनुष्य को पड़े पड़े रहकर मरने से चलकर मरना अच्छा है.उन्होंने कहा कि कहने का तातपर्य है कि मनुष्य को कर्म करने में व्यस्त रहना चाहिये.मनुष्य को अच्छे ज्ञान की प्राप्ति के लिये सत्संग में जाना ही चाहिये.उन्होंने कहा कि अच्छे गुणों की प्राप्ति हेतु वर्तमान पुरुषोत्तम श्री श्री ठाकुर जी के द्वारा दिये गये सत्संग का आश्रय ग्रहण करना चाहिये. सत्संग में संजय दा,ऋतुराज,अजय दा,पप्पू जायसवाल,आदित्य कुमार,प्रीतम,सुजय,विजय,रिशु कुमार,धृतिदीप्त,मधु अम्बष्ट,दीपमाला,वृंदा देवी,संगीता देवी,रामा देवी,रीना जायसवाल,प्रमिला देवी,ललिता देवी,प्रभा देवी,पूजा देवी,आकांक्षा कुमारी सहित बड़ी संख्या में अनुयायी उपस्थित थे.सत्संग की व्यवस्था सत्संगी ललिता देवी के द्वारा किया गया था.