
Location: Shree banshidhar nagar
श्री बंशीधर नगर (गढ़वा)। संविधान निर्माता भारत रत्न डॉ. भीमराव अंबेडकर की 134वीं जयंती के अवसर पर श्री बंशीधर नगर में श्रद्धा और उत्साह के साथ विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इस अवसर पर सरस्वती विद्या मंदिर और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की ओर से अलग-अलग कार्यक्रम आयोजित हुए, जिनमें डॉ. अंबेडकर के विचारों और योगदान को याद किया गया।
सरस्वती विद्या मंदिर में हुआ भव्य आयोजन
स्थानीय सरस्वती विद्या मंदिर में डॉ. अंबेडकर की जयंती गरिमामय माहौल में मनाई गई। कार्यक्रम का शुभारंभ प्रभारी प्रधानाचार्य सुधीर प्रसाद श्रीवास्तव, आचार्य कृष्ण कुमार पांडे एवं प्रसून कुमार ने दीप प्रज्वलन व पुष्प अर्पण कर किया। छात्रों ने डॉ. अंबेडकर के जीवन, संघर्ष और विचारों पर प्रकाश डालते हुए भावपूर्ण प्रस्तुतियां दीं। अर्णव पांडे, हिमांशु कुमार, मनीष कुमार, नैतिक सोनी, सार्थक राज अग्रहरि, चाहत जायसवाल, वैष्णवी कुमारी और दिव्या कुमारी ने अपनी-अपनी वक्तृताओं से लोगों को प्रभावित किया।
मुख्य वक्ता नीति कुमारी ने कहा, “डॉ. अंबेडकर ने यह सिद्ध कर दिया कि जन्म नहीं, कर्म ही व्यक्ति का भविष्य गढ़ता है। उन्होंने समाज के वंचित वर्गों के अधिकारों के लिए संघर्ष कर एक नया रास्ता दिखाया।” प्रभारी प्रधानाचार्य श्रीवास्तव ने डॉ. अंबेडकर के जीवन और भारतीय संविधान में उनके योगदान को रेखांकित करते हुए कहा कि वह एक विचारधारा हैं, जो समाज को आज भी दिशा दे रही है।
इस अवसर पर विद्यालय परिवार के सभी शिक्षक-शिक्षिकाएं एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने बाबा साहेब के विचारों पर चलने का लिया संकल्प
इसी क्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की श्री बंशीधर नगर खंड की प्रभात शाखा द्वारा सरस्वती विद्या मंदिर परिसर में ही डॉ. अंबेडकर की जयंती श्रद्धापूर्वक मनाई गई। स्वयंसेवकों ने उनके चित्र पर माल्यार्पण कर राष्ट्रनिष्ठ भाव से श्रद्धांजलि अर्पित की।
कार्यक्रम में जिलाबाल कार्य प्रमुख अविनाश कुमार ने डॉ. अंबेडकर के विचारों को आज के समय में प्रासंगिक बताते हुए कहा कि वे न केवल संविधान के शिल्पकार, बल्कि समाज सुधारक और प्रेरणास्रोत भी हैं। उन्होंने कहा कि बाबा साहेब का संघर्ष पूरे समाज को न्याय और समान अधिकार दिलाने के लिए था।
कार्यक्रम में खंड कार्यवाह रामबचन मेहता, सहखंड कार्यवाह सुजीत लाल अग्रवाल, सुधीर प्रजापति, राहुल कुमार उर्फ मिक्की, अशोक कुमार, ललित किशोर, रामानंद प्रसाद बंटी, श्रवण दास, नितेश कुमार बबलू सहित अन्य स्वयंसेवक शामिल रहे।