Location: Ranka
गर्मी के मौसम में इंसान तो किसी तरह भूगर्भीय जल से काम चला कर जिंदा रह लेता है ।मगर वन्यजीवों एवं पक्षियों के अलावा मूक प्राणी पानी के अभाव में लगातार दम तोड़ दिया करते है। चमगादड़ों के मौत के पीछे बड़े तापमान के साथ-साथ नदी सरोवर में पानी के अभाव को भी बड़ा कारण माना जा रहा है । बावजूद पक्षियों एवं वन्य जीवों की सुरक्षा के प्रति संबंधित विभाग का गैरजिम्मेदार रवैया हैरतपूर्ण है।
पिछले एक सप्ताह के दौरान रंका थाना क्षेत्र के बांदू बाजार इलाके के अलावा रंका शहर के सटे सैकड़ों वर्ष पुराने राज परिवार के आम के बागीचे में हो रही चमगादड़ों की मौत पर अभी तक किसी ने सुधि नहीं ली क्या पानी के अभाव में इसी तरह की स्थिति इंसानी जिंदगी के साथ होती तो भी सरकार और संबंधित विभाग किंकर्तव्यविमूढ़ बना रह सकता था ? शायद नहीं क्योंकि इंसान से वोट मिलते हैं मगर वन्यजीवों और पशु-पक्षियों की जिंदगी से वोट का कोई लेना-देना नहीं होता चमगादड़ों की हो रही लगातार मौत की जानकारी पर रंका शहर के सुप्रसिद्ध समाजसेवी सह वन्यजीव प्रेमी अमरेन्द्र कुमार रविवार को शहर के सटे सैकड़ों वर्ष पुराने राज परिवार के आम बागीचे में पहुंच कर प्यास से तड़प रहे दर्जनों चमगादड़ों को पानी पिला कर नयी जिंदगी दी वहीं सैकड़ों की संख्या में मृत हो चुके चमगादड़ों को सामुहिक तौर पर गड्ढे में दफ़नाया अमरेन्द्र ने बताया कि वे आम के बागीचे में चमगादड़ों और पक्षियों के लिए पानी की व्यवस्था निजी खर्चे पर कर रहे हैं साथ ही समय समय पर उस क्षेत्र का दौरा कर पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए प्रयास रत है अमरेन्द्र ने कहा कि सभी जीव चाहे वह किसी भी प्रजाति का हो धरती पर सामान्य जीवन जीने का अधिकारी है मगर यह सत्य है कि सभी जीवों में परमात्मा ने इंसान को विवेकशील बनाया है मगर आज का इंसान भयंकर स्वार्थी हो चुका है।