
गढ़वा: जिले के प्राइवेट स्कूलों द्वारा री-एडमिशन और वार्षिक शुल्क के नाम पर मनमानी वसूली के खिलाफ आजसू पार्टी ने कड़ा रुख अख्तियार किया है। जिला अध्यक्ष दीपक शर्मा ने झारखंड सरकार के शिक्षा सचिव को ज्ञापन भेजते हुए इस पूरे मामले में ठोस कार्रवाई की मांग की है।
ज्ञापन में बताया गया है कि गढ़वा जिले के अधिकांश निजी स्कूल अभिभावकों से ₹2000 से ₹5000 तक की राशि री-एडमिशन और वार्षिक शुल्क के नाम पर वसूल रहे हैं। इतना ही नहीं, प्रत्येक स्कूल अपनी पसंद की किताबें चुनते हैं, जो केवल स्कूल से संबंधित चुनिंदा दुकानों पर ही उपलब्ध होती हैं। पुराने सत्र की किताबें अमान्य कर दी जाती हैं, जिससे अभिभावकों को मजबूरी में नई किताबें खरीदनी पड़ती हैं, जिनकी कीमत ₹3000 से ₹10000 तक होती है।
दीपक शर्मा के अनुसार, इन किताबों में 50% से 70% तक कमीशन स्कूलों को जाता है, जिससे यह पूरा सिस्टम एक व्यापार का रूप ले चुका है। बताया गया है कि गढ़वा जिले के प्राइवेट स्कूलों ने अब तक करीब ₹100 करोड़ तक की राशि अभिभावकों से वसूल ली है।
उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार के स्पष्ट निर्देशों के बावजूद स्कूलों में फीस निर्धारण व मॉनिटरिंग के लिए कोई समिति गठित नहीं की गई है, जिससे अभिभावकों को मानसिक और आर्थिक रूप से शोषण झेलना पड़ रहा है। वहीं, जिला प्रशासन इस पूरे मामले में मूकदर्शक बना हुआ है।
दीपक शर्मा ने मांग की है कि दोषी स्कूलों से जबरन ली गई फीस वापस कराई जाए और उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए, ताकि अभिभावकों को राहत मिल सके और शिक्षा को व्यवसायिक मुनाफे का जरिया बनने से रोका जा सके।
