Location: Garhwa
गढ़वा सदर प्रखंड परिसर में रविवार को जिला विधिक सेवा प्राधिकार (डीएलएसए) के तत्वावधान में विधिक सशक्तिकरण शिविर का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्घाटन जिला एवं सत्र न्यायाधीश तृतीय श्री शिवनाथ त्रिपाठी, डीएलएसए सचिव श्री रवि चौधरी, प्रखंड विकास पदाधिकारी श्री कुमार नरेंद्र नारायण, अंचल पदाधिकारी श्री मोहम्मद शफी आलम, और एलईडीसी श्री नित्यानंद दुबे ने संयुक्त रूप से किया। कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ अधिवक्ता और मेडिएटर श्री राकेश त्रिपाठी ने किया।
सशक्तिकरण और विवाद समाधान पर जोर
मुख्य अतिथि श्री शिवनाथ त्रिपाठी ने अपने संबोधन में कहा कि ग्रामीण समाज में छोटे-मोटे झगड़ों को आपसी समझ से सुलझाया जा सकता है। उन्होंने बताया कि विवादों को कोर्ट-कचहरी तक ले जाने से समय और धन दोनों की बर्बादी होती है। मध्यस्थता की भूमिका को समझाते हुए उन्होंने इसे समाज में शांति बनाए रखने का महत्वपूर्ण साधन बताया।
डीएलएसए सचिव श्री रवि चौधरी ने कहा कि सरकारी योजनाओं का लाभ योग्य व्यक्तियों तक पहुंचाने में प्रखंड कर्मियों और जनप्रतिनिधियों की अहम भूमिका होती है। उन्होंने इन योजनाओं के सही क्रियान्वयन की आवश्यकता पर बल दिया।
योजनाओं की जानकारी और लाभ वितरण
गढ़वा प्रखंड विकास पदाधिकारी श्री कुमार नरेंद्र नारायण ने प्रखंड में संचालित योजनाओं की विस्तृत जानकारी दी। पीएलभी श्री मुरली श्याम तिवारी ने गरीबी उन्मूलन कार्यक्रमों की जानकारी दी, जबकि समाज कल्याण विभाग की राणा तबस्सुम और प्रतिमा मैडम ने गोद भराई कार्यक्रम का आयोजन मुख्य अतिथि की उपस्थिति में किया।
इस अवसर पर विभिन्न योजनाओं जैसे अबुआ आवास, पीएम आवास, पेंशन योजनाएं, माईया सम्मान योजना, सावित्री बाई फुले किशोरी समृद्धि योजना, मनरेगा, कृषि विभाग, और स्वच्छ भारत मिशन के तहत व्यक्तिगत शौचालय निर्माण सहित करीब ₹2.52 करोड़ की परिसंपत्तियों का वितरण किया गया।
शिविर में व्यापक भागीदारी
शिविर में बड़ी संख्या में ग्रामीण, पंचायत सचिव, रोजगार सेवक, प्रखंड कर्मी, और अन्य अधिकारी उपस्थित थे। कार्यक्रम में बलराम पांडे, विनोद गुप्ता, प्रमोद पांडे, प्रमोद साहू, तृप्ता भानु, और रविंद्र नाथ यादव समेत कई गणमान्य व्यक्तियों ने हिस्सा लिया।
कार्यक्रम का समापन अंचल पदाधिकारी श्री मोहम्मद शफी आलम द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ किया गया। यह शिविर समाज के वंचित और कमजोर वर्गों को सहायता प्रदान करने और उनके जीवन को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ।