Location: Manjhiaon
मझिआंव:
मझिआंव थाना क्षेत्र के नगर पंचायत अंतर्गत लोहारपुरवा गांव में जहरीली शराब के सेवन से शुक्रवार को एक व्यक्ति की मौत के बाद आबकारी विभाग हरकत में आया। सब-इंस्पेक्टर निर्मल मरांडी ने शनिवार को घटनास्थल का दौरा कर जांच-पड़ताल की, लेकिन कोई ठोस सबूत हाथ नहीं लगा।
घटना का विवरण:
एफसीआई गोदाम में काम करने वाले 40 वर्षीय मजदूर शशि बैठा की शुक्रवार को जहरीली शराब पीने से मौत हो गई। स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि शराब लोहारपुरवा मोड़ के पास नयनतारा कुंवर द्वारा बेची गई थी। थाना प्रभारी आकाश कुमार ने पहले ही नयनतारा के घर के पास जांच में शराब रखने के डिब्बे और डिस्पोजेबल ग्लास जलाए जाने के सबूत पाए थे।
हालांकि, आबकारी विभाग की टीम को घटनास्थल पर कोई साक्ष्य नहीं मिला। सबूतों के मिटाए जाने के बाद विभाग की जांच महज औपचारिकता बनकर रह गई।
ग्रामीणों का आरोप:
ग्रामीणों ने कहा कि अवैध शराब की बिक्री पर प्रशासन की निष्क्रियता के कारण यह घटना हुई। लोहारपुरवा सहित कई अन्य क्षेत्रों—रैसूवा, चंद्री, दुबे तहले, रजवारी टोला, करमडीह, अखौरी तहले, और सोनपुरवा पंचायत में अवैध महुआ से निर्मित देसी शराब खुलेआम बनाई और बेची जा रही है। इसमें जहरीले केमिकल मिलाए जा रहे हैं, जिससे लगातार मौतें हो रही हैं।
पिछले पखवाड़े में दूसरी मौत:
अवैध शराब के कारण पिछले 15 दिनों में यह दूसरी मौत है। हर घटना के बाद आबकारी विभाग की सक्रियता दिखती है, लेकिन नतीजा शून्य रहता है। ग्रामीणों का कहना है कि अधिकारियों की मिलीभगत या गैर-जिम्मेदारी के चलते अवैध शराब का कारोबार फल-फूल रहा है।
आबकारी विभाग का बयान:
सब-इंस्पेक्टर निर्मल मरांडी ने बताया कि लोहारपुरवा मोड़ के आसपास चार घरों में शराब की बिक्री की सूचना मिली है। जांच की गई है, और पकड़े जाने पर संबंधितों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी।
ग्रामीणों की मांग:
ग्रामीणों ने उपायुक्त से अवैध शराब के कारोबार पर सख्ती से रोक लगाने की मांग की है। उनका कहना है कि समय रहते इस पर नियंत्रण नहीं किया गया तो और जानें जा सकती हैं।
सवाल खड़े होते हैं:
अवैध शराब कारोबारियों पर कार्रवाई में देरी क्यों?
क्या प्रशासनिक अधिकारियों की मिलीभगत के कारण यह कारोबार जारी है?
मौतें होने के बाद ही कार्रवाई क्यों होती है?
इस घटना ने प्रशासन और आबकारी विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।