Location: रांची
रांची: शिबू सोरेन परिवार की बड़ी बहू सीता सोरेन क्या भाजपा छोड़कर वापस झामुमो में लौट रही हैं. इस बात को लेकर अटकलें तेज हैं. लेकिन परिवार में अभी तक सीता सोरेन की वापसी को लेकर सहमति नहीं बन सकी है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन व कल्पना सोरेन की सहमति का इंतजार है. इस विषय पर सीता सोरेन भी साफ-साफ बोलने से बच रही हैं. उनका कहना है कि अभी फैसला नहीं लिया है. आगे समय बताएगा. अभी तो जहां हैं वहीं हैं.
लोकसभा व विधानसभा चुनाव में हार के बाद सीता सोरेन राजनीतिक भविष्य को लेकर चिंतित हैं. राजनीति में उनकी आगे की राह भी मुश्किल है. संथाल की राजनीति में झामुमो की पैठ है. ऐसे में भजापा में रहकर आगे भी सांसद-विधायक बनना सीता सोरेन के लिए कठिन है. इसलिए वह वापस झामुमो में लौटना चाहती हैं. सीता सोरेन की बेटियां भी चाहती हैं कि भविष्य की राजनीति को देखते हुए झामुमो में वापसी की जाए. झामुमो में वापसी के लिए परिवार में बेटियां भी संपर्क सूत्र बनीं हुई हैं.
घर वापसी की पहल को लेकर ही सीता सोरेन 11 जनवरी को झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन के जन्मदिन पर बेटियों के साथ उनके घर गई थीं. जन्मदिन समारोह में शामिल हुईं. इसी दिन से यह कयास लगाया जा रहा था कि सीता सोरेन झामुमो में वापसी को लेकर पृष्ठभूमि तैयार कर रही हैं. सूत्रों के अनुसार सीता सोरेन की वापसी को लेकर शिबू सोरेन व रूपी सोरेन तैयार हैं. शिबू सोरेन चाहते हैं कि परिवार एकजुट रहे. विवाद को खत्म किया जाए. लेकिन अभी तक मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन व कल्पना सोरेन तैयार नहीं हैं. सीता सोरेन जिस तरह झामुमो को छोड़कर भाजपा में शामिल हुईं, और जिस तरह के गंभीर आरोप हेमंत सोरेन व कल्पना सोरेन पर लगाकर हमलावर रहीं, उससे हेमंत व कल्पना आहत हैं. दिवंगत दुर्गा सोरेन को लेकर सीता सोरेन ने जो आरोप लगाए वह गंभीर थे.
सूत्रों के अनुसार हेमंत व कल्पना सोरेन को अब जो हुआ उसे भूल जाने को लेकर मनाया जा रहा है. परिवार में एकता बनी रहे यह समझाया जा रहा है. इस काम में पार्टी व परिवार के कई लोग लगे हुए हैं. संभव है दोनों परिवार हित में मान भी जाएं. हेमंत सोरेन की सहमति मिलने के बाद सीता सोरेन की घर वापसी होगी.
सीता सोरेन को भाजपा ने पूरा सम्मान दिया. पार्टी में शामिल कराकर पहले दुमका लोकसभा व फिर जामताड़ा विधानसभा सीट से टिकट दिया. वह दोनों चुनाव नहीं जीत सकीं. सीता सोरेन भाजपा में अब अपना राजनीतिक भविष्य नहीं देख रही हैं. वह अपनी बेटी को भी राजनीति में सक्रिय करना चाहती हैं. इसलिए भी झामुमो वापसी चाहती हैं. झामुमो सत्ता में है, इसलिए इसका लाभ भी उन्हें मिलेगा.