
Location: Garhwa
गढ़वा जिले के कांडी प्रखंड में प्रमुख सत्यम कुमार पांडे उर्फ पिंकू पांडे के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव का मामला तूल पकड़ चुका है। इस प्रकरण में नाटकीय मोड़ तब आया जब पलामू जिले के हुसैनाबाद थाना क्षेत्र से कथित रूप से लापता हुए तीन पंचायत समिति सदस्यों को पश्चिम बंगाल की सीमा पर मैथन से सकुशल बरामद किया गया।
क्या है पूरा मामला?
बताया जा रहा है कि 6 जनवरी की शाम तीन पंचायत समिति सदस्य, जिनमें दो महिलाएं शामिल थीं, देव मंदिर के दर्शन के लिए गए थे। वापसी के दौरान हुसैनाबाद थाना क्षेत्र के दातानगर नहर के पास उनकी गाड़ी को कुछ अज्ञात लोगों ने जबरन रोक लिया, जिसके बाद से वे लापता थे।
पुलिस की कार्रवाई:
झारखंड और बंगाल पुलिस ने संयुक्त अभियान चलाते हुए 48 घंटे के भीतर इन सदस्यों को बरामद कर लिया। बरामद पंचायत समिति सदस्यों में सोनपुर पंचायत समिति सदस्य मीरा सिंह, लमारी पंचायत समिति सदस्य कमला देवी और अभिनंदन शर्मा शामिल हैं। इस मामले में पुलिस ने प्रखंड प्रमुख पिंकू पांडे, मुन्ना अंसारी और अनुप राम को गिरफ्तार किया है।
हॉर्स ट्रेडिंग का आरोप
पंचायत समिति सदस्य अभिनंदन शर्मा ने प्रखंड प्रमुख को हटाने के लिए अविश्वास प्रस्ताव लाया था। आरोप है कि इस प्रस्ताव के बाद प्रमुख और उनके समर्थकों ने सदस्यों को प्रभावित करने के लिए इस तरह की योजना बनाई।
लव कुश कुमार द्वारा दर्ज प्राथमिकी के अनुसार, दर्शन के बाद लौटते समय कुछ गाड़ियों ने उनकी गाड़ी को ओवरटेक कर रोका। हथियारों से लैस लोगों ने मारपीट की और तीन पंचायत समिति सदस्यों को जबरन ले गए। प्राथमिकी में लव कुश ने आरोप लगाया कि यह पूरा प्रकरण अविश्वास प्रस्ताव को रोकने के लिए रचा गया था।
सियासी साजिश के संकेत
इस पूरे घटनाक्रम को अपहरण की घटना के बजाय हॉर्स ट्रेडिंग का हिस्सा माना जा रहा है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि पंचायत समिति के सदस्यों को डराने, प्रभावित करने और समर्थन खरीदने के लिए यह कदम उठाया गया।
सत्ता का खेल जारी
कांडी प्रखंड में अविश्वास प्रस्ताव पर राजनीति गरमा चुकी है। सदस्यों की बरामदगी और प्रमुख की गिरफ्तारी के बाद यह देखना अहम होगा कि प्रशासन निष्पक्ष जांच कर इस मामले में सच्चाई उजागर करता है या यह प्रकरण भी राजनीतिक दबाव की भेंट चढ़ जाएगा।