Location: सगमा
सगमा: प्रतिबंधित मकरी पौधशाला क्षेत्र में कीमती शीशम के पेड़ों की अंधाधुंध कटाई से वन क्षेत्र का अस्तित्व खतरे में है। वन विभाग की अनदेखी के कारण हालात दिन-ब-दिन गंभीर होते जा रहे हैं।
सगमा प्रखंड के मकरी गांव स्थित इस पौधशाला में सैकड़ों की संख्या में शीशम और यूकेलिप्टस के पेड़ लगे हुए हैं। यह पौधशाला बिलासपुर-धुरकी मुख्य पथ पर स्थित है और इसे वन विभाग के प्रबंधन के तहत मकरी पौधशाला के नाम से जाना जाता है।
ग्रामीणों ने लगाया वन रक्षी पर मिलीभगत का आरोप
स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि पहले इस पौधशाला में कभी-कभार ही पेड़ों की कटाई होती थी। लेकिन, चार महीने पहले अरुण बैठा नामक वन रक्षी की तैनाती के बाद से शीशम के पेड़ों की अंधाधुंध कटाई हो रही है।
वन समिति अध्यक्ष का कहना है कि पेड़ों की कटाई की सूचना विभाग को दी जाती है, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि वन रक्षी अरुण कुमार की लकड़ी काटने वालों के साथ मिलीभगत है, जिससे पेड़ों की कटाई जारी है।
जंगल खोखला हो रहा, वन क्षेत्र पर खतरा
ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि शीशम के पेड़ों की कटाई पर जल्द रोक नहीं लगाई गई, तो इस पौधशाला का अस्तित्व मिट जाएगा। ग्रामीणों ने तत्काल हस्तक्षेप और ठोस कार्रवाई की मांग की है ताकि इस वन क्षेत्र को बचाया जा सके।