
Location: Bhavnathpur
भवनाथपुर (गढ़वा)।
राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी मुख्यमंत्री दाल-भात योजना भवनाथपुर प्रखंड परिसर में पिछले कई दिनों से बंद पड़ी है। इस योजना का संचालन एक महिला समूह के माध्यम से किया जा रहा था, लेकिन अब केंद्र के बंद हो जाने से गरीब, दिहाड़ी मजदूरों और बेसहारा लोगों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
उल्लेखनीय है कि यह योजना उन जरूरतमंदों के लिए शुरू की गई थी जो मात्र 5 रुपये में भरपेट भोजन नहीं जुटा सकते। भवनाथपुर में बड़ी संख्या में मजदूर, रिक्शा चालक, बुजुर्ग और आर्थिक रूप से कमजोर लोग सीएचसी, अनाज गोदाम और प्रखंड-अंचल कार्यालय जैसे सरकारी संस्थानों में अपने कार्यों के लिए दूर-दराज से आते हैं और इस केंद्र से प्रतिदिन भोजन प्राप्त करते थे। लेकिन अब अनाज की आपूर्ति बाधित होने के कारण यह केंद्र बंद है।
स्थानीय मजदूरों—नथुनी, मुना, रमेश, महेंद्र, लालू, रामचंद्र, रामलाल, सुनील और हीरा नंद राम—ने बताया कि वे रोजाना मजदूरी करते हैं। कई बार जब घर से खाना नहीं मिल पाता या समय नहीं रहता, तो इस केंद्र पर 5 रुपये में अच्छा खाना मिल जाता था। लेकिन अब कई दिन हो गए, केंद्र बंद पड़ा है।
स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि प्रशासन की लापरवाही से यह स्थिति उत्पन्न हुई है। अनाज और राशन की नियमित आपूर्ति न होने के कारण यह जनकल्याणकारी योजना ठप हो गई है।
इस संबंध में पूछे जाने पर भवनाथपुर बीडीओ नंद जी राम ने बताया कि मार्च माह में महिला समूह की प्रतिनिधि उनके पास आई थी। उन्हें जानकारी मिली थी कि केंद्र कभी-कभार ही खुलता है, इसीलिए अनुमति नहीं दी गई। उन्होंने बताया कि आपूर्ति व्यवस्था में कुछ तकनीकी बाधाएं आई हैं, जिन्हें जल्द दूर कर लिया जाएगा। संभावना है कि इस माह के अंत तक केंद्र सुचारू रूप से चालू हो जाएगा।
स्थानीय लोगों की मांग है कि सरकार इस योजना को प्राथमिकता के आधार पर पुनः शुरू करे और इसकी निगरानी के लिए एक स्थायी समिति का गठन किया जाए, ताकि भविष्य में ऐसी समस्याओं से बचा जा सके।
मुख्यमंत्री दाल-भात योजना का ठप होना न केवल गरीबों के भोजन का संकट है, बल्कि सरकार के जनसेवा के दावों पर भी प्रश्नचिह्न खड़ा करता है।