
Location: पलामू

पलामू: झारखंड अलग राज्य आंदोलन में अग्रणी भूमिका निभाने वाले वरिष्ठ आंदोलनकारी नेता प्रसन्न कुमार दुबे का सोमवार तड़के निधन हो गया। वे 84 वर्ष के थे। दुबे लंबे समय से अस्वस्थ चल रहे थे और सोमवार सुबह 4:00 बजे पलामू जिले के चैनपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत अपने पैतृक गांव तलेयां में उन्होंने अंतिम सांस ली।
झारखंड पार्टी (हैरो गुट) से जुड़कर झारखंड राज्य के लिए संघर्ष करने वाले प्रसन्न कुमार दुबे उन चुनिंदा नेताओं में रहे जिन्होंने प्रारंभिक दौर में ही झारखंड के अलग अस्तित्व की लड़ाई को मजबूती दी। जब गढ़वा और पलामू जैसे एकीकृत जिलों में झारखंड आंदोलन को लेकर लोगों में जागरूकता कम थी, उस दौर में भी वे निर्भीक होकर आंदोलन की अगुवाई करते रहे।
श्री दुबे झारखंड पार्टी (हैरो गुट) के केंद्रीय उपाध्यक्ष रहे और पार्टी के विभिन्न संगठनात्मक पदों पर भी उन्होंने लंबे समय तक सक्रिय भूमिका निभाई। वे करीब 20 वर्षों तक झारखंड पार्टी के पलामू और गढ़वा जिला अध्यक्ष पद पर भी कार्यरत रहे। वर्ष 1972 में उन्होंने गढ़वा विधानसभा क्षेत्र से चुनाव भी लड़ा था। अपने राजनीतिक जीवन में उन्हें कई बार आंदोलन के दौरान पुलिसिया दमन का भी सामना करना पड़ा, लाठीचार्ज जैसी परिस्थितियों से भी वे डटे रहे।
उनके निधन की सूचना मिलते ही इलाके में शोक की लहर दौड़ गई। अंतिम संस्कार गांव में हि श्मशान घाट पर किया गया, जहां उनके बड़े पुत्र ओंकार दुबे ने मुखाग्नि दी। वे अपने पीछे भरा-पूरा परिवार छोड़ गए हैं। छोटे पुत्र अरुण कुमार दुबे ने बताया कि सोमवार की सुबह उन्होंने घर पर ही अंतिम सांस ली।
झारखंड के सामाजिक और राजनीतिक इतिहास में प्रसन्न कुमार दुबे का योगदान सदा स्मरणीय रहेगा। उनके संघर्षों ने न सिर्फ झारखंड आंदोलन को धार दी, बल्कि नई पीढ़ी के लिए भी प्रेरणा का मार्ग प्रशस्त किया।