Location: Garhwa
इमरजेंसी वार्ड में डाक्खाटर के इंतजार में खाली पड़ी कुर्सी
फोटो-अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड के पास परेशान मरीज के परिजन
गढ़वा सदर अस्पताल में रविवार सुबह 8:00 बजे से 11:30 बजे तक इमरजेंसी वार्ड में तैनात डॉक्टर नदारद रहे, जिससे मरीजों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। इस दौरान इलाज के लिए आए मरीज तड़पते रहे, लेकिन किसी ने सुध नहीं ली।
मरीज के परिजनों ने बनाया वीडियो, उजागर हुई अव्यवस्था
गढ़वा के नवादा गांव निवासी सुरज शर्मा के परिजनों ने अस्पताल परिसर का वीडियो बनाया, जिससे साफ हुआ कि न तो सिविल सर्जन डॉ. अशोक कुमार अपने कक्ष में मौजूद थे और न ही इमरजेंसी वार्ड में कोई ड्यूटी पर डॉक्टर था।
फोटो-चिकित्सकों का ड्युटी चाट
एसडीओ से गुहार, लेकिन मिला निराशाजनक जवाब
इलाज के अभाव में परेशान मरीज सुरज शर्मा ने गढ़वा सदर एसडीओ को सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड से डाक्टर के गायब रहने की शिकायत करने के लिए
फोन कर सहायता मांगी, लेकिन उन्हें निराशा ही हाथ लगी। एसडीओ ने जवाब दिया— “मुझे क्यों फोन कर रहे हो? स्वास्थ्य विभाग को फोन करो, हम एसडीओ हैं।”
प्रशासन का रवैया: सिर्फ मीडिया में चेहरा चमकाने तक सीमित
अस्पताल में अव्यवस्था के बावजूद स्थानीय प्रशासनिक पदाधिकारी निरीक्षण के नाम पर केवल मीडिया में चेहरा चमकाने तक सीमित हैं। ज़मीनी हकीकत यह है कि इमरजेंसी वार्ड में डॉक्टर नदारद थे और मरीज इलाज के लिए तड़पते रहे।
उपाधीक्षक की गैरमौजूदगी बनी आदत
गढ़वा सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ. हरेनचंद्र महतो अक्सर ड्यूटी से अनुपस्थित रहते हैं। फिलहाल, उन्होंने डॉ. शमशेर सिंह को कार्यभार सौंप दिया है, लेकिन अस्पताल की स्थिति जस की तस बनी हुई है।
डॉक्टरों की ड्यूटी के बावजूद लापरवाही
अस्पताल के रोस्टर के अनुसार, सुबह 9:00 बजे तक डॉ. रजक और उसके बाद डॉ. मिश्रा की ड्यूटी थी। दोनों डॉक्टर 2 माह की प्रतिनियुक्ति पर गढ़वा सदर अस्पताल में कार्यरत हैं, लेकिन उनकी अनुपस्थिति ने अस्पताल की व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली पर कौन लेगा जिम्मेदारी?
गढ़वा सदर अस्पताल में लगातार अव्यवस्था की खबरें सामने आ रही हैं, लेकिन प्रशासन कोई ठोस कार्रवाई करने के बजाय सिर्फ निरीक्षण और बयानबाजी तक ही सीमित है। सवाल यह है कि मरीजों की जान से खिलवाड़ करने वाली इस लापरवाही का जिम्मेदार कौन होगा?