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Location: कांडी
कांडी (प्रतिनिधि): कांडी प्रखंड के हरिहरपुर ओपी क्षेत्र अंतर्गत मांझीगावा गांव के महूडढ़ टोला में अर्णव प्रोजेक्ट लिमिटेड द्वारा कराए जा रहे नहर निर्माण का ग्रामीणों ने विरोध किया। ग्रामीणों का कहना है कि नहर निर्माण कार्य के चलते उनकी कनेक्टिविटी पूरी तरह खत्म हो गई है, जिससे आवागमन में भारी परेशानी हो रही है।
ग्रामीणों के अनुसार, पिछले दो वर्षों से नहर निर्माण कार्य चल रहा है। शुरुआत में विभागीय अधिकारियों ने आश्वासन दिया था कि आवश्यक स्थानों पर पुलिया बनाई जाएगी, लेकिन अब तक इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। इस बीच, घटिया निर्माण कार्य और मिट्टी भराव में गड़बड़ी के चलते नहर के आसपास दुर्घटनाओं की आशंका बढ़ गई है। ग्रामीणों का आरोप है कि निजी जमीन का भी अतिक्रमण किया जा रहा है और जब वे नहर विभाग से शिकायत करते हैं, तो उन्हें टालमटोल जवाब मिलता है।
ग्रामीणों ने बताया कि नहर निर्माण कार्य फुलवार से लेकर रतनगढ़ तक किया जा रहा है, जिसमें महूडढ़ टोला से गुजरने वाले हिस्से में पुलिया की अत्यधिक आवश्यकता है। बावजूद इसके, विभाग और ठेकेदार उनकी मांगों को नजरअंदाज कर रहे हैं। इस मामले में पहले भी गढ़वा एसडीओ को आवेदन दिया गया था, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। ग्रामीणों ने आशंका जताई कि यदि कोई बड़ी दुर्घटना होती है, तो उसकी जिम्मेदारी कौन लेगा?
ठेकेदार का दावा— तीन पुलिया बन चुकी, बाकी पर विभागीय निर्णय बाकी
इस मामले में नहर निर्माण का कार्य देख रहे ठेकेदार मनोज सिंह ने बताया कि ग्रामीणों द्वारा तीन स्थानों पर पुलिया की मांग की गई थी, जिनमें से तीनों का निर्माण पूरा कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि एक्वाडक्ट (विशेष प्रकार की पुलिया) के लिए विभागीय अधिकारियों से चर्चा की जा रही है और उच्च अधिकारियों से मंजूरी मिलने के बाद ही इस पर कोई निर्णय लिया जाएगा।
काम रोके जाने से निर्माण प्रभावित
ग्रामीणों द्वारा विरोध किए जाने के कारण निर्माण कार्य रुक गया है। ठेकेदार ने बताया कि एसडीओ के निर्देश पर कुछ स्थानों पर पाइप डालकर मिट्टी भर दी गई है, लेकिन जब तक ग्रामीणों की सहमति नहीं मिलेगी, तब तक ढलाई का कार्य नहीं हो सकेगा। उन्होंने आश्वासन दिया कि यदि ग्रामीण निर्माण कार्य को आगे बढ़ने दें, तो दो दिनों के भीतर समस्या का समाधान निकाल लिया जाएगा। वहीं, एक्वाडक्ट निर्माण के मुद्दे पर भी उच्च अधिकारियों से चर्चा जारी है।
ग्रामीणों का कहना है कि जब तक पुलिया नहीं बनाई जाएगी, वे निर्माण कार्य नहीं होने देंगे। अब देखना होगा कि प्रशासन इस विवाद को कैसे सुलझाता है।